आईपीसी के अध्याय 17 में  धारा 378 से 382 तक चोरी के अपराध को बताया गया है।

आईपीसी की धारा 378- चोरी के अपराध को परिभाषित करती है।

जो कोई किसी व्यक्ति के कब्जे से, उसकी सम्मति के बिना, कोई चल सम्पत्ति बेईमानी से ले लेने का आशय रखते हुए उस सम्पत्ति को हटाता है, उसे चोरी करना कहा जाता है।

आईपीसी की धारा 379- चोरी के लिए सजा

सजा - 3 वर्ष तक कारावास या आर्थिक दंड या दोनों

आईपीसी की धारा 380-  निवास भवन में  चोरी

सजा - सात वर्ष तक कारावास + आर्थिक दंड।

आईपीसी की धारा 381-   क्लर्क या नौकर द्वारा  मालिक की संपत्ति की चोरी

सजा - सात वर्ष तक कारावास और आर्थिक दण्ड।

आईपीसी की धारा 382- मृत्यु ,उपहती की तैयारी के पश्चात चोरी

सजा - दस वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड।

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