बिलकिस बानो केस - सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार का हलफनामा

बिलकिस बानो केस - सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार का हलफनामा

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामे से खुलासा किया था बिलकिस बानो केस में दोषियों की समय से पहले रिहाई का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और मुंबई की विशेष अदालत ने विरोध किया था |

राज्य सरकार ने कहा कि उसने 1992 की छूट नीति पर विचार करने के बाद ग्यारह दोषियों को रिहा करने का फैसला किया।

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि दोषियों का "व्यवहार अच्छा पाया गया" और 14 साल की सजा पूरी होने पर रिहा करने का फैसला किया तथा यह केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद किया गया।

2002 के गुजरात दंगों के दौरन 5 महीने की गर्भवती बिलकिस समेत कुछ और महिलाओं का बलात्कार किया.बिलकिस की 3 साल की बेटी समेत 7 लोगों की हत्या कर दी गयी थी |

बिलकिस बानो केस क्या है?

मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 2008 में बिलकिस वानो केस से जुड़े 11 लोगों को उम्र कैद की सज़ा दी और बॉम्बे हाई 2017 में कोर्ट ने सज़ा को बरकरार रखा

राज्य सरकार ने 10 अगस्त 2022 को दोषियों को रिहा करने के आदेश जारी किए गए थे

राज्य सरकार के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की गयी है |