कॉलेजियम सिस्टम

कॉलेजियम, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों का एक पैनल है जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति और स्थानांतरण की सिफारिश करता है

भारतीय संविधान 

कॉलेजियम प्रणाली का भारत के संविधान में कोई प्रावधान नही है

वर्ष1993 में कॉलेजियम प्रणाली का एक नया तंत्र स्थापित किया गया था 

कॉलेजियम की सिफारिशें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी जाती हैं और उनकी स्वीकृति मिलने के बाद ही नियुक्ति की जाती है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 (2) में यह प्रावधान है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की इतनी संख्या जिसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिये आवश्यक समझे, से परामर्श के बाद राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति के संवैधानिक प्रावधान

न्यायाधीशों की नियुक्ति के संवैधानिक प्रावधान

अनुच्छेद 217 के अनुसार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा CJI और राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी और मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से भी परामर्श किया जाएगा ।

न्यायाधीशों की नियुक्ति के संवैधानिक प्रावधान

न्यायाधीशों की नियुक्ति के संवैधानिक प्रावधान

सरकार के द्वारा कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त कर NJAC लाया गया जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में इस फैसले को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरा है।