एक्स बनाम प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, दिल्ली एनसीटी सरकार और अन्य( CA 5802/2022 )

केस का नाम 

इस केस की सुनवाई जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की

"सभी महिलाएं सुरक्षित और कानूनी गर्भपात की हकदार हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा 

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में 2021 का संशोधन विवाहित और अविवाहित महिलाओं पर समान रूप से लागू होता है |

सुप्रीम कोर्ट ने कहा 

दिल्ली हाई कोर्ट से 25 बर्ष की अविवाहित महिला ने 24 हफ्ते का गर्भ गिराने की अनुमति मांगी थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा खारिज कर दिया था |

क्या है पूरा मामला 

अविवाहित महिला ने कोर्ट को बताया की वह  सहमति  से गर्वभती हुई थी परन्तु अब वह बच्चे को जन्म नही दे सकती क्योंकी उसका प्रेमी उससे शादी नही करना चाहता |

क्या है पूरा मामला 

अविवाहित महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें महिला को  गर्भपात की अनुमति दी गयी

क्या है पूरा मामला