सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों की सुनवाई के बाद 22 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था

ऐशत शिफा बनाम कर्नाटक राज्य

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने हिजाब केस में अलग-अलग फैसला सुनाया

ऐशत शिफा बनाम कर्नाटक राज्य

उन्होंने कहा, "उच्च न्यायालय ने गलत रास्ता अपनाया। अनुच्छेद 14 और 19 का मामला। यह पसंद का मामला है, न ज्यादा और न ही कम।"

जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया।

इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले से 11 सवाल पूछे। उन्होंने सवाल किया कि क्या छात्रों को आर्टिकल 19, 21 और 25 के तहत कपड़े चुनने का अधिकार दिया जा सकता है?

जस्टिस गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमति जताई

अब CJI यह तय करेंगे कि इस मामले पर सुनवाई के लिए बड़ी बेंच गठित की जाए या फिर कोई और बेंच।

अब आगे क्या होगा?

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी नागेश ने कहा कि हिजाब बैन पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला स्कूलों और कॉलेजों बरकरार रहेगा।

क्या है हिजाब मामला ?

हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी (कर्नाटक) के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी

हिजाब पर कर्नाटक उच्च न्यायालय का  फैसला

 कर्नाटक उच्च न्यायालय  में हिजाब केस की सुनवाई तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने की थी

हिजाब पर कर्नाटक उच्च न्यायालय का  फैसला

कर्नाटक उच्च न्यायालय  ने कंहा की हिजाब इस्लाम की धार्मिक प्रथाओं का आवश्यक अंग नहीं है