वारेंद  कुमार घोष बनाम राज्य

यह वाद आपराधिक षड्यन्त्र से संबंधित  है।

अमजद खान बनाम म.प्र. राज्य

यह वाद  शरीर की प्रायवेट प्रतिरक्षा से है संबंधित  है।

रेग बनाम गोविन्दा

इस  वाद मे  भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं 299 तथा 300 के बीच अन्तर का पहली बार विस्तारपूर्वक परीक्षण किया गया था

विशाखा बनाम राजस्थान राज्य

इस  वाद मे  लैंगिक उत्पीड़न के शमन के लिए उच्चतम न्यायालय ने महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्धांत दिए हैं।

महबूब शाह बनाम किंग एम्परर

इस  वाद मे  प्रिवी काउन्सिल ने 'सामान्य आशय' और 'समान आशय के मध्य अन्तर स्थापित किया था

बूटा सिंह बनाम राज्य

'व्यक्तिगत प्रतिरक्षा' के अधिकार को स्थापित करने हेतु अभियुक्त को इस संबंध में साक्ष्य पेश करना चाहिये।।

सुब्रम्न्यम  स्वामी बनाम भारत संघ

उक्त बाद में भा.द.सं. की धारा 499 व 500 की संवैधानिकता की पुष्टि की गई।