जो भी कोई किसी वाहन को एक सार्वजनिक मार्ग पर किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही से चलाता है या सवारी करता है जिससे मानव जीवन को कोई संकट हो या किसी व्यक्ति को चोट या आघात पहुँचना सम्भाव्य हो, तो पुलिस द्वारा 279 की FIR की जाती है |
छह मास तक का कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दंड या दोनों
IPC की धारा 279 की सजा
यह एक संज्ञेय अपराध है
धारा 279 का अपराध जमानतीय अपराध है।
यह अपराध पीड़ित / चोटिल व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य नही है।
धारा 279 के अपराध का विचारण किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है