IPC की धारा 392 क्या है?
IPC
की धारा 390 के अनुसार, सब प्रकार की लूट में या तो चोरी या उद्दापन (जबरन वसूली) होता है।
IPC
की धारा 390 के अनुसार, सब प्रकार की लूट में या तो चोरी या उद्दापन (जबरन वसूली) होता है।
लूट (robbrey) की परिभाषा -
IPC की धारा 392 में लूट के लिए दंड का प्रावधान किया गया है
IPC की धारा 392 में सजा - दस वर्ष का कठिन कारावास + आर्थिक दंड।
यदि लूट राजमार्ग पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की गयी हो तब सजा का प्रावधान -
चौदह वर्ष कठिन कारावास + आर्थिक दंड।
यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है
यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है
इस धारा का अपराध अशमनीय और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
इस धारा का अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
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