IPC की धारा 408 क्या है ? 

लिपिक या सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग

IPC की धारा 403

जो कोई लिपिक या सेवक के रूप में नियुक्त या लिपिक या सेवक होने के नाते किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा है या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है|

IPC की धारा 408 का अपराध

सात वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड। 

IPC की धारा 408 की सजा 

यह एक  संज्ञेय अपराध है

धारा 408 का अपराध अजमानतीय अपराध है।

यह अपराध न्यायालय की अनुमति से पीड़ित व्यक्ति (संपत्ति का स्वामी जिसके विषय में विश्वासघात हुआ हो) द्वारा समझौता करने योग्य है। 

धारा 408 के अपराध प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

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