IPC की धारा 463 — कूटरचना –
जो कोई किसी मिथ्या दस्तावेज या मिथ्या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख अथवा दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के किसी भाग को इस आशय से रचता है कि लोक को या किसी व्यक्ति को नुकसान या क्षति कारित की जाए, या किसी दावे या हक का समर्थन किया जाए, या यह कारित किया जाए कि कोई व्यक्ति संपत्ति अलग करे या कोई अभिव्यक्त या विवक्षित संविदा करे या इस आशय से रचता है कि कपट करे, या कपट किया जा सके, वह कूटरचना करता है।
IPC Section 463 — Forgery –
Whoever makes any false documents or false electronic record or part of a document or electronic record, with intent to cause damage or injury, to the public or to any person, or to support any claim or title, or to cause any person to part with property, or to enter into any express or implied contract, or with intent to commit fraud or that fraud may be committed, commits forgery.