IPC की धारा 121A — धारा 121 द्वारा दण्डनीय अपराधों को करने का षड़यंत्र –
जो कोई धारा 121 द्वारा दण्डनीय अपराधों में से कोई अपराध करने के लिए भारत के भीतर या बाहर षड़यंत्र करेगा, या केन्द्रीय सरकार को या किसी राज्यों की सरकार को आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करने का षड़यंत्र करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा |
स्पष्टीकरण – इस धारा के अधीन षड़यंत्र गठित होने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि उसके अनुसरण में कोई कार्य या अवैध लोप घटित हुआ हो।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है| |
धारा 121A आईपीसी के प्रमुख अवयव क्या हैं? |
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IPC की धारा 121A से संबंधित महत्वपूर्ण केस –
IPC की धारा 121A FAQ
IPC Section 121A — Conspiracy to commit offences punishable by section 121-
Whoever within or without India conspires to commit any of the offences punishable by section 121, or conspires to overawe, by means of criminal force or the show of criminal force, “the Central Government or any State Government”, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
Explanation – To constitute a conspiracy under this section, it is not necessary that any act or illegal omission shall take place in pursuance thereof.
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]