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धारा 11 विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप अधिनियम | धारा 11 यूएपीए एक्ट | Section 11 UAPA Act in hindi

धारा 11 यूएपीए एक्ट – विधिविरुद्ध संगम की निधियों के लिए शास्ति-

यदि कोई व्यक्ति, जिस पर धारा 7 की उपधारा (1) के अधीन किन्हीं धनों, प्रतिभूतियों, या पावनों के सम्बन्ध में किसी प्रतिषेधात्मक आदेश की तामील की जा चुकी है, उस प्रतिषेधात्मक आदेश के उल्लंघन में उन्हें संदत्त, परिदत्त, या अन्तरित करेगा या उनसे किसी भी रीति से अन्यथा बरतेगा तो वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा, और  संहिता में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ऐसे उल्लंघन का विचारण करने वाला न्यायालय, दोषसिद्ध व्यक्ति से उन धनों या पावनों की रकमों या उन प्रतिभूतियों का बाजार-मूल्य, जिनके सम्बन्ध में प्रतिषेधात्मक आदेश का उल्लंघन किया गया है, या उनका ऐसा भाग, ऐसा न्यायालय ठीक समझे, वसूल करने के लिए उस पर अतिरिक्त जुर्माना भी अधिरोपित कर सकेगा ।


Section 11 UAPA Act – Penalty for dealing with funds of an unlawful association —

If any person on whom a prohibitory order has been served under sub-section (1) of section 7 in respect of any moneys, securities or credits pays, delivers, transfers or otherwise deals in any manner whatsoever with the same in contravention of the prohibitory order, he shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three years, or with fine, or with both, and notwithstanding anything contained in the 1[Code], the court trying such contravention may also impose on the person convicted an additional fine to recover from him the amount of the moneys or credits or the market value of the securities in respect of which the prohibitory order has been contravened or such part thereof as the court may deem fit. धारा 11 यूएपीए एक्ट


1. Subs. by s. 3, ibid., for “Code of Criminal Procedure, 1898 (5 of 1898)” (w.e.f. 21-9-2004).

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