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धारा 117 भारतीय साक्ष्य अधिनियम | धारा 117 साक्ष्य अधिनियम| Section 117 Indian Evidence Act in hindi

धारा 117 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता का, उपनिहिती का या अनुज्ञप्तिधारी का विबंध —

किसी विनिमय-पत्र के प्रतिगृहीता को इसका प्रत्याख्यान करने की अनुज्ञा न दी जाएगी कि लेखीवाल को ऐसा विनिमय-पत्र लिखने या उसे पृष्ठांकित करने का प्राधिकार था, और न किसी उपनिहिती या अनुज्ञप्तिधारी को इसका प्रत्याख्यान करने दिया जाएगा कि उपनिधाता या अनुज्ञापक को उस समय, जब ऐसा उपनिधान या अनुज्ञप्ति आरंभ हुई, ऐसे उपनिधान करने या अनुज्ञप्ति अनुदान करने का प्राधिकार था।

स्पष्टीकरण 1– किसी विनिमय-पत्र का प्रतिगृहीता इसका प्रत्याख्यान कर सकता है कि विनिमय-पत्र वास्तव में उस व्यक्ति द्वारा लिखा गया था जिसके द्वारा लिखा गया वह तात्पर्यित है।

स्पष्टीकरण 2– यदि कोई उपनिहिती, उपनिहित माल उपनिधाता से अन्य किसी व्यक्ति को परिदत्त करता है, तो वह साबित कर सकेगा कि ऐसे व्यक्ति का उस पर उपनिधाता के विरुद्ध अधिकार था।


Section 117 Indian Evidence Act – Estoppel of acceptor of bill of exchange, bailee or licensee —

No acceptor of a bill of exchange shall be permitted to deny that the drawer had authority to draw such bill or to endorse it; nor shall any bailee or licensee be permitted to deny that his bailor or licensor had, at the time when the bailment or licence commenced, authority to make such bailment or grant such licence.

Explanation (1). — The acceptor of a bill of exchange may deny that the bill was really drawn by the person by whom it purports to have been drawn.

Explanation (2). — If a bailee delivers the goods bailed to a person other than the bailor, he may prove that such person had a right to them as against the bailor.

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