धारा 164 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – सूचना पाने पर जिस दस्तावेज के पेश करने से इंकार कर दिया गया है, उसको साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाना —
जबकि कोई पक्षकार ऐसी किसी दस्तावेज को पेश करने से इंकार कर देता है, जिसे पेश करने की उसे सूचना मिल चुकी है; तब वह तत्पश्चात् उस दस्तावेज को दूसरे पक्षकार की सम्मति के या न्यायालय के आदेश के बिना साक्ष्य के रूप में उपयोग में नहीं ला सकेगा।
दृष्टांत
ख पर किसी करार के आधार पर क वाद लाता है और वह ख को उसे पेश करने की सूचना देता है। विचारण में क उस दस्तावेज की मांग करता है और ख उसे पेश करने से इंकार करता है। क उसकी अंतर्वस्तु का द्वितीयक साक्ष्य देता है। क द्वारा दिए हुए द्वितीयक साक्ष्य का खण्डन करने के लिए या यह दर्शित करने के लिए कि वह करार स्टांपित नहीं है, ख दस्तावेज को ही पेश करना चाहता है। वह ऐसा नहीं कर सकता।
Section 164 Indian Evidence Act – Using, as evidence, of document production of which was refused on notice —
hen a party refuses to produce a document which he has had notice to produce, he cannot afterwards use the document as evidence without the consent of the other party or the order of the Court.
Illustration
A sues B on an agreement and gives B notice to produce it. At the trial A calls for the document and B refuses to produce it. A gives secondary evidence of its contents. B seeks to produce the document itself to contradict the secondary evidence given by A, or in order to show that the agreement is not stamped. He cannot do so.