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धारा 3 बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम | 3 Prohibition of Child Marriage Act in hindi

धारा 3 बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम – बाल-विवाहों का, बंधन में आने वाले पक्षकार के, जो बालक है, विकल्प पर शून्यकरणीय होना-

(1) प्रत्येक बाल-विवाह जो चाहे इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व या पश्चात् अनुष्ठापित किया गया हो, विवाह बंधन में आने वाले ऐसे पक्षकार के, जो विवाह के समय बालक था, विकल्प पर शून्यकरणीय होगा:

परंतु किसी बाल-विवाह को अकृतता की डिक्री द्वारा बातिल करने के लिए, विवाह बंधन में आने वाले ऐसे पक्षकार द्वारा ही, जो विवाह के समय बालक था, जिला न्यायालय में अर्जी फाइल की जा सकेगी ।

(2) यदि अर्जी फाइल किए जाने के समय, अर्जीदार अवयस्क है तो अर्जी उसके सरंक्षक या वाद-मित्र के साथ-साथ बाल-विवाह प्रतिषेध अधिकारी की मार्फत की जा सकेगी ।

(3) इस धारा के अधीन अर्जी किसी भी समय किंतु अर्जी फाइल करने वाले बालक के वयस्कता प्राप्त करने के दो वर्ष पूरे करने से पूर्व फाइल की जा सकेगी ।

(4) इस धारा के अधीन अकृतता की डिक्री प्रदान करते समय जिला न्यायालय, विवाह के दोनों पक्षकारों और उनके माता-पिता या उनके संरक्षकों को यह निदेश देते हुए आदेश करेगा कि वे, यथास्थिति, दूसरे पक्षकार, उसके माता-पिता या संरक्षक को विवाह के अवसर पर उसको दूसरे पक्षकार से प्राप्त धन, मूल्यवान वस्तुएं, आभूषण और अन्य उपहार या ऐसी मूल्यवान वस्तुओं, आभूषणों, अन्य उपहारों के मूल्य के बराबर रकम और धन लौटा दे:

परंतु इस धारा के अधीन कोई आदेश तब तक पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि संबद्ध पक्षकारों को जिला न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने और यह कारण दर्शित करने के लिए कि ऐसा आदेश क्यों नहीं पारित किया जाए, सूचनाएं न दे दी गई हों ।


3 Prohibition of Child Marriage Act-Child marriages to be voidable at the option of contracting party being a child-

(1) Every child marriage, whether solemnised before or after the commencement of this Act, shall be voidable at the option of the contracting party who was a child at the time of the marriage:

Provided that a petition for annulling a child marriage by a decree of nullity may be filed in the district court only by a contracting party to the marriage who was a child at the time of the marriage.

(2) If at the time of filing a petition, the petitioner is a minor, the petition may be filed through his or her guardian or next friend along with the Child Marriage Prohibition Officer. धारा 3 बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम

(3) The petition under this section may be filed at any time but before the child filing the petition completes two years of attaining majority.

(4) While granting a decree of nullity under this section, the district court shall make an order directing both the parties to the marriage and their parents or their guardians to return to the other party, his or her parents or guardian, as the case may be, the money, valuables, ornaments and other gifts received on the occasion of the marriage by them from the other side, or an amount equal to the value of such valuables, ornaments, other gifts and money: धारा 3 बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम

Provided that no order under this section shall be passed unless the concerned parties have been given notices to appear before the district court and show cause why such order should not be passed.

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