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धारा 37 विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप अधिनियम | धारा 37 यूएपीए एक्ट | Section 37 UAPA Act in hindi

धारा 37 यूएपीए एक्ट — पुनर्विलोकन समिति-

(1) केन्द्रीय सरकार, धारा 36 के प्रयोजनों के लिए एक या अधिक पुनर्विलोकन समितियां गठित करेगी ।

(2) ऐसी प्रत्येक समिति में अध्यक्ष और तीन से अनधिक और ऐसी अर्हताएं रखने वाले उतने अन्य सदस्य होंगे, जितने विहित किए जाएं ।

(3) समिति का अध्यक्ष, ऐसा व्यक्ति होगा, जो किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीध है या रहा है, जिसे केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा और किसी आसीन न्यायाधीश की नियुक्ति की दशा में, संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति की सहमति अभिप्राप्त की जाएगी ।


Section 37 UAPA Act — Review Committees.  

(1) The Central Government shall constitute one or more Review Committees for the purposes of section 36.


(2) Every such Committee shall consist of a Chairperson and such other members not exceeding three and possessing such qualifications as may be prescribed.


(3) A Chairperson of the Committee shall be a person who is, or has been, a Judge of a High Court, who shall be appointed by the Central Government and in the case of appointment of a sitting Judge, the concurrence of the Chief Justice of the concerned High Court shall be obtained.


धारा 37 यूएपीए एक्ट