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धारा 38 एनडीपीएस एक्ट | धारा 38 नारकोटिक्स एक्ट | Section 38 NDPS Act in Hindi

धारा 38 एनडीपीएस एक्ट — कंपनियों द्वारा अपराध –

(1) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कंपनी द्वारा किया गया है वहां प्रत्येक व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस कंपनी के कारबार के संचालन के लिए उस कंपनी का भारसाधक और उसके प्रति उत्तरदायी था और साथ ही वह कंपनी भी, उस अपराध के दोषी समझे जाएंगे तथा तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने के भागी होंगे:

परन्तु इस उपधारा की कोई बात किसी व्यक्ति को किसी दण्ड का भागी नहीं बनाएगी यदि वह यह साबित कर देता है कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या उसने ऐसे अपराध के किए जाने का निवारण करने के लिए सभी सम्यक् तत्परता बरती थी ।

(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध किसी कंपनी द्वारा किया गया है और यह साबित हो जाता है कि वह अपराध कंपनी के किसी निदेशक, प्रबन्धक, सचिव या अन्य अधिकरी की सहमति या मौनानुकूलता से किया गया है या उसकी किसी उपेक्षा के कारण हुआ माना जा सकता है वहां ऐसा निदेशक, प्रबन्धक, या सचिव या अन्य अधिकारी भी, उस अपराध का दोषी समझा जाएगा तथा तद्नुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा ।

स्पष्टीकरण– इस धारा के प्रयोजनों के लिए –

(क) “कंपनी” से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम है; और

(ख) फर्म के संबंध में “निदेशक” से उस फर्म का भागीदार अभिप्रेत है ।


Section 38 NDPS Act — Offences by companies —

(1) Where an offence under Chapter IV has been committed by a company, every person, who, at the time the offence was committed was in charge of, and was responsible to, the company for the conduct of the business of the company as well as the company, shall be deemed to be guilty of the offence and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly:



Provided that nothing contained in this sub-section shall render any such person liable to any punishment if he proves that the offence was committed without his knowledge or that he had exercised all due diligence to prevent the commission of such offence. धारा 38 एनडीपीएस एक्ट



(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), where any offence under Chapter IV has been committed by a company and it is proved that the offence has been committed with the consent or connivance of, or is attributable to any neglect on the part of, any director, manager, secretary or other officer of the company, such director, manager, secretary or other officer shall be deemed to be guilty of that offence and shall be liable to be proceeded against and punished accordingly. धारा 38 एनडीपीएस एक्ट



Explanation.— For the purposes of this section,–



(a) “company” means any body corporate and includes a firm or other association of individuals; and


(b) “director”, in relation to a firm, means a partner in the firm.

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