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धारा 43F विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप अधिनियम | धारा 43F यूएपीए एक्ट | Section 43F UAPA Act in hindi

धारा 43F यूएपीए एक्ट — सूचना देने की बाध्यता-

(1) किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का अन्वेषण करने वाला अधिकारी, पुलिस अधिक्षक से अनिम्न पंक्ति के किसी अधिकारी के लिखित पूर्व अनुमोदन से, केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी या किसी बैंक या किसी कंपनी या किसी फर्म या किसी अन्य संस्था, स्थापन, संगठन के किसी अधिकारी या प्राधिकारी या किसी व्यष्टि से मुद्दों या विषयों पर ऐसे अपराध के संबंध में उसके कब्जे में की ऐसी जानकारी देने की अपेक्षा कर सकेगा जहां अन्वेषण करने वाले अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि ऐसी सूचना इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए उपयोगी या उनसे सुसंगत होगी ।

(2) उपधारा (1) के अधीन मांगी गई जानकारी देने में असफल रहना या जानबूझकर मिथ्या जानकारी देना, कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दंडनीय होगा ।

(3) संहिता में किसी बात के होते हुए भी, उपधारा (2) के अधीन किसी अपराध का विचारण संक्षिप्त मामले के रूप में किया जाएगा और उक्त संहिता के अध्याय 21 में धारा 262 की उपधारा (2) के सिवाय विहित प्रक्रिया उसको लागू होगी ।

Section 43F UAPA Act — Obligation to furnish information.–

(1) Notwithstanding anything contained in any other law, the officer investigating any offence under this Act, with the prior approval in writing of an officer not below the rank of a Superintendent of Police, may require any officer or authority of the Central Government or a State Government or a local authority or a bank, or a company, or a firm or any other institution, establishment, organisation or any individual to furnish information in his or its possession in relation to such offence, on points or matters, where the investigating officer has reason to believe that such information will be useful for, or relevant to, the purposes of this Act.


(2) The failure to furnish the information called for under sub-section (1), or deliberately furnishing false information shall be punishable with imprisonment for a term which may extend to three years or with fine or with both. धारा 43F यूएपीए एक्ट


(3) Notwithstanding anything contained in the Code, an offence under sub-section (2) shall be tried as a summary case and the procedure prescribed in Chapter XXI of the said [Code except sub-section (2) of section 262] shall be applicable thereto.

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