संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 112 – समपहरण का अधित्यजन-
धारा 111 के खंड (छ) के अधीन हुआ समपहरण उस भाटक के प्रतिग्रहण द्वारा, जो समपहरण की तिथि से शोध्य हो गया है, या ऐसे भाटक के लिए करस्थम् द्वारा या पट्टाकर्ता की तरफ से किसी ऐसे अन्य कार्य द्वारा, जिससे पट्टे को चालू मानने का उसका आशय दर्शित होता हो, अधित्यक्त हो जाता है :
- परन्तु यह तब जब कि पट्टाकर्ता को यह जानकारी हो कि समपहरण उपगत हो गया है :
- परन्तु यह और भी कि जहां पट्टेदार को समपहरण के आधार पर बेदखल करने के लिए वाद संस्थित किए जाने के पश्चात् भाटक प्रतिगृहीत कर लिया जाता है वहां ऐसा प्रतिग्रह्ण अधित्यजन नहीं है।
Section 112 TPA – Waiver of forfeiture –
A forfeiture under section 111, clause (g) is waived by acceptance of rent which has become due since the forfeiture, or by distress for such rent, or by any other act on the part of the lessor showing an intention to treat the lease as subsisting:
- Provided that the lessor is aware that the forfeiture has been incurred:
- Provided also that, where rent is accepted after the institution of a suit to eject the lessee on the ground of forfeiture; such acceptance is not a waiver.