संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 126 – दान निलम्बित या प्रतिसंहृत कब किया जा सकेगा–
दाता और आदाता करार कर सकेंगे कि किसी ऐसी विनिर्दिष्ट घटना के घटित होने पर, जो दाता की इच्छा पर निर्भर नहीं करती, दान निलंबित या प्रतिसंहृत हो जाएगा, किन्तु वह् दान, जिसके बारे में पक्षकार करार करते हैं कि वह दाता की इच्छा मात्र से पूर्णतः या भागतः प्रतिसंहरणीय होगा, यथास्थिति, पूर्णतः या भागतः शून्य है।
दान उन दशाओं में से (प्रतिफल के अभाव या असफलता की दशा को छोड़कर), किसी भी दशा में प्रतिसंहृत किया जा सकेगा जिनमें कि यदि वह संविदा होता हो विखण्डित किया जा सकता।
यथापूर्वोक्त को छोड़कर दान प्रतिसंहृत नहीं किया जा सकता।
इस धारा में अन्तर्विष्ट कोई भी बात बिना सूचना सप्रतिफल अन्तरितियों के अधिकारों पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी।
दृष्टांत
(क) ख को क एक खेत ख की अनुमति से अपना यह अधिकार आरक्षित करके देता है कि ख और उसके वंशजों के क के पहले मर जाने की सूरत में वह उसे वापस ले सकेगा। क के जीवन काल में ख अपने वंशज छोड़े बिना मर जाता है। क खेत वापस ले सकेगा।
(ख) ख को क एक लाख रुपया, ख की अनुमति से अपना यह अधिकार आरक्षित करते हुए देता है कि वह उन लाख रुपयों में से, 10,000 रुपए जब जी चाहे वापस ले सकेगा। 90,000 रुपयों के बारे में दान वैध है, किन्तु 10,000 रुपयों के बारे में, जो क के ही बने रहते हैं, शून्य है।
Section 126 TPA – When gift may be suspended or revoked –
The donor and done may agree that on the happening of any specified event which does not depend on the will of the donor a it shall be suspended or revoked; but a gift which the parties agree shall be revocable wholly or in part at the mere well of the donor is void wholly or in part, as the case may be.
A gift also be revoked in any of the cases (save want or failure of consideration) in which, if it were a contract, it might be rescinded.
Save as aforesaid, a gift cannot be revoked.
Nothing contained in this section shall be deemed to affect the rights of transferees for consideration without notice.
Illustrations
(a) a gives a field to B, reserving to himself, with B’s assent, the right to take back the field in case B and his descendants dies before A, B dies without descendants in A’s lifetime. A may take back the field. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 126
(b) A gives a lakh of rupees to B, reserving to himself, with B’s assent, the right to take back at pleasure Rs. 10, 000 out of the lakh. The gift holds good as to Rs. 90, 000, but is void as to Rs.10, 000, which continue to belong to A.