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हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 17 | section 17 HMA | Section 17 Hindu Marriage Act in hindi

हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 17 – द्विविवाह के लिए दंड-

यदि इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात् दो हिन्दुओं के बीच अनुष्ठापित किसी विवाह की तारीख पर ऐसे विवाह के किसी पक्षकार का पति या पत्नी जीवित था या थी तो ऐसा विवाह शून्य होगा और भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 494 और 495 के उपबन्ध उसे तदनुसार लागू होंगे ।


Section 17 Hindu Marriage Act – Punishment of bigamy —

Any marriage between two Hindus solemnized after the commencement of this Act is void if at the date of such marriage either party had a husband or wife living; and the provisions of sections 494 and 495 of the Indian Penal Code, 1860 (45 of 1860), shall apply accordingly.

हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 17