धारा 15 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – कार्य आकस्मिक या साशय था इस प्रश्न पर प्रकाश डालने वाले तथ्य —
जब कि प्रश्न यह है कि कार्य आकस्मिक या साशय था या किसी विशिष्ट ज्ञान या आशय से किया गया था, तब यह तथ्य कि ऐसा कार्य समरूप घटनाओं की आवली का भाग था जिनमें से हर एक घटना के साथ वह कार्य करने वाला व्यक्ति सम्पृक्त था, सुसंगत है।
दृष्टांत
(क) क पर यह अभियोग है कि अपने गृह के बीमे का धन अभिप्राप्त करने के लिए उसने उसे जला दिया।
ये तथ्य कि क कई गृहों में एक के पश्चात् दूसरे में रहा जिनमें से हर एक का उसने बीमा कराया, जिनमें से हर एक में आग लगी और जिन अग्निकांडों में से हर एक के उपरान्त क को किसी भिन्न बीमा कार्यालय से बीमा धन मिला, इस नाते सुसंगत हैं कि उनसे यह दर्शित होता है कि वे अग्निकांड आकस्मिक नहीं थे।
(ख) ख के ऋणियों से धन प्राप्त करने के लिए क नियोजित है। क का यह कर्तव्य है कि बही में अपने द्वारा प्राप्त राशियां दर्शित करने वाली प्रविष्टियां करे । वह एक प्रविष्टि करता है जिससे यह दर्शित होता है कि किसी विशिष्ट अवसर पर उसे वास्तव में प्राप्त राशि से कम राशि प्राप्त हुई।
प्रश्न यह है कि क्या यह मिथ्या प्रविष्टि आकस्मिक थी या साशय ।
ये तथ्य कि उसी बही में क द्वारा की हुई अन्य प्रविष्टियां मिथ्या हैं और कि हर एक अवस्था में मिथ्या प्रविष्टि क के पक्ष में है सुसंगत है।
(ग) ख को कपटपूर्वक कूटकृत रुपया परिदान करने का क अभियुक्त है।
प्रश्न यह है कि क्या रुपए का परिदान आकस्मिक था।
ये तथ्य कि ख को परिदान के तुरन्त पहले या पीछे क ने ग, घ और ङ को कूटकृत रुपए परिदान किए थे इस नाते सुसंगत हैं कि उनसे यह दर्शित होता है कि ख को किया गया परिदान आकस्मिक नहीं था।
Section 15 Indian Evidence Act – Facts bearing on question whether act was accidental or intentional.—
When there is a question whether an act was accidental or intentional, or done with a particular knowledge or intention, the fact that such act formed part of a series of similar occurrences, in each of which the person doing the act was concerned, is relevant.
Illustrations
(a) A is accused of burning down his house in order to obtain money for which it is insured. धारा 15 भारतीय साक्ष्य अधिनियम
The facts that A lived in several houses successively, each of which he insured, in each of which a fire occurred, and after each of which fires A received payment from a different insurance office, are relevant, as tending to show that the fires were not accidental. धारा 15 भारतीय साक्ष्य अधिनियम
(b) A is employed to receive money from the debtors of B. It is A’s duty to make entries in a book showing the amounts received by him. He makes an entry showing that on a particular occasion he received less than he really did receive. The question is, whether this false entry was accidental or intentional. The facts that other entries made by A in the same book are false, and that the false entry is in each case in favour of A, are relevant. धारा 15 भारतीय साक्ष्य अधिनियम
(c) A is accused of fraudulently delivering to B a counterfeit rupee. The question is, whether the delivery of the rupee was accidental. The facts that, soon before or soon after the delivery to B, A delivered counterfeit rupees to C, D and E are relevant, as showing that the delivery to B, was not accidental.