धारा 2 यूएपीए एक्ट – परिभाषाएं –
(1) इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(क) “संगम” से व्यष्टियों का कोई समुच्चय या निकाय अभिप्रेत है ;
(ख) “भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग का अध्यर्पण” के अन्तर्गत ऐसे किसी भाग पर किसी विदेश के दावे का ग्रहण किया जाना है ;
(ग) “संहिता” से दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) अभिप्रेत है ;
(घ) “न्यायालय” से संहिता के अधीन इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अपराधों का विचारण करने के लिए अधिकारिता रखने वाला कोई दंड न्यायालय अभिप्रेत है और इसमें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 की धारा 11 के अधीन या धारा 22 के अधीन गठित कोई विशेष न्यायालय सम्मिलित है ;
(ङ) “अभिहित प्राधिकारी” से, यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार का ऐसा अधिकारी, जो उस सरकार के संयुक्त सचिव की पंक्ति से नीचे का न हो या राज्य सरकार का ऐसा अधिकारी जो उस सरकार के सचिव की पंक्ति से नीचे का न हो, जिसे केंन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा, राजपत्र में प्रकाशित किसी अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट किया जाए, अभिप्रेत है ;
(ङक) “आर्थिक सुरक्षा” में सम्मिलित है वित्तीय, धनीय और राजकोषीय स्थायित्व, उत्पादन और वितरण के साधनों की सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, जीविका सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, पारिस्थितिक और पर्यावरणीय सुरक्षा भी है ;
(ङख)] “आदेश” से, समय-समय पर, यथा संशोधित आतंकवाद का निवारण और दमन (सुरक्षा परिषद् के संकल्पों का कार्यान्वयन) आदेश, 2007 अभिप्रेत है ;
(ङग) “व्यक्ति” में सम्मिलित है,-
(i) कोई व्यष्टि,
(ii) कोई कंपनी,
(iii) कोई फर्म,
(iv) व्यक्तियों का कोई संगठन या व्यक्ति-संगम या व्यष्टि-निकाय चाहे वह निगमित हो या नहीं,
(v) ऐसा प्रत्येक कृत्रिम विधिक व्यक्ति, जो पूर्ववर्ती उपखंडों में से किसी के अंतर्गत नहीं आता है, और
(vi) पूर्ववर्ती उपखंडों में से किसी के अंतर्गत आने वाले किसी व्यक्ति के स्वामित्वाधीन या नियंत्रणाधीन कोई अभिकरण, कार्यालय या शाखा ;
(च) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है ;
(छ) “आतंकवाद से आगम” से अभिप्रेत हैं ,-
(i) सभी प्रकार की ऐसी संपत्तियां अभिप्रेत हैं, जो किसी आतंकवादी कार्य के करने से व्युत्पन्न हुई हों या अभिप्राप्त की गई हों या किसी आतंकवादी कार्य से संबंधित निधियों के माध्यम से अर्जित की गई हों, उस व्यक्ति का विचार किए बिना, जिसके नाम में ऐसे आगम हैं या जिसके कब्जे में वे पाए जाते हैं ; या
(ii) कोई ऐसी संपत्ति अभिप्रेत है, जिसका किसी आतंकवादी कार्य के लिए या किसी व्यष्टि आतंकवादी या किसी आतंकवादी गैंग या किसी आतंकवादी संगठन के प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा रहा है या उपयोग किया जा रहा है या उपयोग किया जाना आशयित है ।
स्पष्टीकरण- इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए यह घोषित किया जाता है कि “आतंकवाद के आगम” पद के अंतर्गत ऐसी कोई सम्पत्ति भी है, जिसका उपयोग आतंकवाद के लिए किया जाना आशयित है ।
(ज) “संपत्ति” से प्रत्येक वर्णन की संपत्ति और आस्तियां, चाहे वे मूर्त या अमूर्त, जंगम या स्थावर, भौतिक या अभौतिक हों और बैंक-प्रत्ययों, यात्री चेकों, बैंक चेकों, मनी आर्डरों, शेयरों, प्रतिभूतियों, बंधपत्रों, ड्राफ्टों, प्रत्यय पत्रों, नकदी और बैंक खाते, जिसमें किसी भी प्रकार से अर्जित निधि सम्मिलित है, के माध्यम से ऐसी संपत्ति या आस्तियों के हक या उनमें हित के साक्ष्यस्वरूप किसी भी रूप में, जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक या अंकीय रूप भी है, किन्तु जो उस तक सीमित नहीं है विधिक दस्तावेज, विलेख और लिखतें अभिप्रेत हैं ;
(जक) “अनुसूची” से इस अधिनियम की कोई अनुसूची अभिप्रेत है ;
(झ) “भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग का संघ से विलग हो जाना” के अन्तर्गत यह अवधारित करने के लिए किसी दावे का प्राख्यान आता है कि क्या ऐसा भाग भारत के राज्यक्षेत्र का भाग रहेगा ;
(ञ) किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में “राज्य सरकार” से उसका प्रशासक अभिप्रेत है ;
(ट) “आतंकवादी कार्य” का वही अर्थ है, जो धारा 15 में उसका है और “आतंकवाद” तथा “आतंकवादी” पदों का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा ;
(ठ) “आतंकवादी गैंग” से आतंकवादी संगठन से भिन्न कोई संगम, चाहे व्यवस्थित हो या अन्यथा, जो आतंकवादी कार्य से संबंधित या उसमें अंतर्वलित है, अभिप्रेत है ;
(ड) “आतंकवादी संगठन” से पहली अनुसूची में सूचीबद्ध कोई संगठन या इस प्रकार सूचीबद्ध किसी संगठन के रूप में उसी नाम से कार्य करने वाला कोई संगठन अभिप्रेत है ;
(ढ) “अधिकरण” से धारा 5 के अधीन गठित अधिकरण अभिप्रेत है ;
(ण) “विधिविरुद्ध क्रियाकलाप” से किसी व्यष्टि या संगम के संबंध में, ऐसे व्यष्टि या संगम द्वारा (चाहे कोई कार्य करके, या बोले गए अथवा लिखे गए शब्दों द्वारा, या संकेतों द्वारा, या दृश्यरूपण द्वारा या अन्यथा) की गई कोई ऐसी कार्रवाई अभिप्रेत है,-
(i) जो किसी भी आधार पर, चाहे वह कुछ भी हो, भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग का अध्यर्पण या भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग का संघ से विलग हो जाना घटित करने के लिए आशयित है, या उसके लिए किसी दावे का समर्थन करती है, या जो ऐसा अध्यर्पण या विलग हो जाना घटित करने के लिए किसी व्यष्टि या व्यष्टियों के समूह को उद्दीप्त करती है ; या
(ii) जिससे भारत की प्रभुता और प्रादेशिक अखण्डता का अन-अंगीकरण होता है या उन पर आक्षेप होता है या जो उन्हें विच्छिन्न करती है या विच्छिन्न करने के लिए आशयित है ; या
(iii) जो भारत के विरुद्ध द्रोह कारित करती है या द्रोह कारित करने के लिए आशयित है ;
(त) “विधिविरुद्ध संगम” से कोई ऐसा संगम अभिप्रेत है,-
(i) जिसका उद्देश्य कोई विधिविरुद्ध क्रिया है या जो कोई विधिविरुद्ध क्रिया करने के लिए व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है या उसकी सहायता करता है अथवा जिसके सदस्य ऐसी क्रिया करते हैं ; अथवा
(ii) जिसका उद्देश्य भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 153क या धारा 153ख के अधीन दण्डनीय कोई कार्य है या जो कोई ऐसा कार्य करने के लिए व्यक्तियों को प्रोत्साहित करता है या उनकी सहायता करता है अथवा जिसके सदस्य कोई ऐसा कार्य करते हैं :
परन्तु उपखण्ड (ii) की कोई बात जम्मू-कश्मीर राज्य को लागू नहीं होगी ।
(थ) उन शब्दों और पदों के, जो इस अधिनियम में प्रयुक्त हैं किंतु परिभाषित नहीं है और संहिता में परिभाषित हैं, वही अर्थ होंगे जो क्रमशः उनके संहिता में हैं ।
(2) इस अधिनियम में किसी अधिनियमिति या उसके किसी उपबंध के प्रति किसी निर्देश को, किसी ऐसे क्षेत्र के संबंध में, जिसमें ऐसी अधिनियमिति या ऐसा उपबंध प्रवृत्त नहीं है, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस क्षेत्र में प्रवृत्त तत्समान विधि या तत्समान विधि के सुसंगत उपबंध , यदि कोई हो, के प्रति निर्देश है ।
Section 2 UAPA Act – Definitions :-
(1) In this Act, unless the context otherwise requires,–
(a) association means any combination or body of individuals;
(b) cession of a part of the territory of India includes admission of the claim of any foreign country to any such part;
(c) Code means the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974);
((d) court means a criminal court having jurisdiction, under the Code, to try offences under this Act 1[and includes a Special Court constituted under section 11 or under 2[section 22] of the National Investigation Agency Act, 2008];
(e) Designated Authority means such officer of the Central Government not below the rank of Joint Secretary to that Government, or such officer of the State Government not below the rank of Secretary to that Government, as the case may be, as may be specified by the Central Government or the State Government, by notification published in the Official Gazette;
3[(ea) economic security includes financial, monetary and fiscal stability, security of means of production and distribution, food security, livelihood security, energy security, ecological and environmental security;]
1[4[(eb) Order means the Prevention and Suppression of Terrorism (Implementation of Security Council Resolutions) Order, 2007, as may be amended from time to time;]
2[(ec) person includes–
(i) an individual,
(ii) a company,
(iii) a firm,
(iv) an organisation or an association of persons or a body of individuals, whether incorporated or not,
(v) every artificial juridical person, not falling within any of the preceding sub-clauses, and
(vi) any agency, office or branch owned or controlled by any person falling within any of the preceding sub-clauses;]
(f) prescribed means prescribed by rules made under this Act;
5[(g) proceeds of terrorism means,–
(i) all kinds of properties which have been derived or obtained from commission of any terrorist act or have been acquired through funds traceable to a terrorist act, irrespective of person in whose name such proceeds are standing or in whose possession they are found; or
(ii) any property which is being used, or is intended to be used, for a terrorist act or for the purpose of an individual terrorist or a terrorist gang or a terrorist organisation.
Explanation.–For the purposes of this Act, it is hereby declared that the expression proceeds of terrorism includes any property intended to be used for terrorism;]
6[(h) property means property and assets of every description whether corporeal or incorporeal, movable or immovable, tangible or intangible and legal documents, deeds and 7[ instruments in any form including but not limited to] electronic or digital, evidencing title to, or interest in, such property or assets by means of bank credits, travellers cheques, bank cheques, money orders, shares, securities, bonds, drafts, letters of credit, cash and bank account including fund, however acquired;
(ha) Schedule means 8[a Schedule] to this Act;]
(i) secession of a part of the territory of India from the Union includes the assertion of any claim to determine whether such part will remain a part of the territory of India;
(j) State Government, in relation to a Union territory, means the Administrator thereof;
(k) terrorist act has the meaning assigned to it in section 15, and the expressions terrorism and terrorist shall be construed accordingly;
(l) terrorist gang means any association, other than terrorist organisation, whether systematic or otherwise, which is concerned with, or involved in, terrorist act;
(m) terrorist organisation means an organisation listed in the 9[First Schedule] or an organisation operating under the same name as an organisation so listed;
(n) Tribunal means the Tribunal constituted under section 5;
(o) unlawful activity, in relation to an individual or association, means any action taken by such individual or association (whether by committing an act or by words, either spoken or written, or by signs or by visible representation or otherwise),–
(i) which is intended, or supports any claim, to bring about, on any ground whatsoever, the cession of a part of the territory of India or the secession of a part of the territory of India from the Union, or which incites any individual or group of individuals to bring about such cession or secession; or
(ii) which disclaims, questions, disrupts or is intended to disrupt the sovereignty and territorial integrity of India; or
(iii) which causes or is intended to cause disaffection against India;
(p) unlawful association means any association,–
(i) which has for its object any unlawful activity, or which encourages or aids persons to undertake any unlawful activity, or of which the members undertake such activity; or
(ii) which has for its object any activity which is punishable under section 153A (45 of 1860) or section 153B of the Indian Penal Code, or which encourages or aids persons to undertake any such activity, or of which the members undertake any such activity:
Provided that nothing contained in sub-clause (ii) shall apply to the State of Jammu and Kashmir*;
(q) words and expressions used but not defined in this Act and defined in the Code shall have the meanings respectively assigned to them in the Code.
(2) Any reference in this Act to any enactment or any provision thereof shall, in relation to an area in which such enactment or such provision is not in force, be construed as a reference to the corresponding law or the relevant provision of the corresponding law, if any, in force in that area.]
1. Ins. by Act 35 of 2008, s. 3 (w.e.f. 31-12-2008).
2. Subs. by Act 28 of 2019, s. 2 for section 21 (w.e.f. 14-8-2019).
3. Ins. by Act 3 of 2013, s. 2 (w.e.f. 1-2-2013).
4. Clause (ea) renumbered clause (eb) thereof by s. 2, ibid. (w.e.f. 1-2-2013).
5. Subs. by s. 2, ibid., for clause (g) (w.e.f. 1-2-2013).
6. Subs. by Act 35 of 2008, s. 3, for clause (h) (w.e.f. 31-12-2008).
7. Subs. by Act 3 of 2013, s. 2, for instruments in any form including (w.e.f. 1-2-2013). 8. Subs. by Act 28 of 2019, s. 2 for the Schedule (w.e.f. 14-8-2019).
9. Subs. by Act 28 of 2019, s. 2 for Schedule (w.e.f. 14-8-2019).
*. Vide notification No. S.O. 3912(E), dated 30th October, 2019, this Act is made applicable to the Union territory of Jammu and Kashmir and the Union territory of Ladakh.