धारा 26 परिसीमा अधिनियम — अनुसेवी सम्पत्ति के उत्तरभोगी के पक्ष में अपवर्जन-
जहां कि कोई भूमि या जल जिसमें, जिसके ऊपर या जिससे कोई सुखाचार उपभुक्त या व्युत्पन्न किया गया हो किसी आजीवन हित के अधीन या आधार पर या इतनी अवधि पर्यन्त जो उसके अनुदत्त किए जाने से तीन वर्ष से अधिक हो धारित रहा हो, वहां ऐसे सुखाचार का उपभोग जितने समय तक ऐसे हित या अवधि के चालू रहने के दौरान हुआ हो, उतना समय बीस वर्ष की कालावधि की संगणना में उस दशा में, अपवर्जित कर दिया जाएगा जिसमें उस पर के दावे का प्रतिरोध ऐसे हित या अवधि के पर्यवसान के अव्यवहित पश्चात् तीन वर्ष के अन्दर ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाए जो ऐसे पर्यवसान पर उक्त भूमि या जल का हकदार हो ।
Section 26 Limitation Act — Exclusion in favour of reversioner of servient tenement–
Where any land or water upon, over or from, which any easement has been enjoyed or derived has been held under or by virtue of any interest for life or in terms of years exceeding three years from the granting thereof, the time of the enjoyment of such easement during the continuance of such interest or term shall be excluded in the computation of the period twenty years in case the claim is, within three years next after the determination of such interest or term resisted by the person entitled on such determination to the said land or water.