धारा 27 यूएपीए एक्ट — आतंकवाद के आगमों के समपहरण से पूर्व हेतुक दर्शित करने की सूचना का जारी किया जाना-
(1) धारा 26 के अधीन आतंकवाद के किन्हीं आगमों के समपहरण का कोई आदेश तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक उस व्यक्ति को, जो ऐसे आगमों को धारित करता है या अपने कब्जे में रखता है, उन आधारों की, जिन पर आतंकवाद के आगमों को समपहृत करने का प्रस्ताव किया गया है, उसको जानकारी देने वाली सूचना नहीं दे दी गई है और उस व्यक्ति को, ऐसे युक्तियुक्त समय के भीतर, जो सूचना में विनिर्दिष्ट हो, समपहरण के आधारों के विरुद्ध लिखित में पक्षकथन प्रस्तुत करने का अवसर न दिया गया हो और उसे उस मामले में सुनवाई का अवसर भी न दिया गया हो ।
(2) उपधारा (1) के अधीन समपहरण का कोई आदेश नहीं किया जाएगा, यदि ऐसा व्यक्ति यह सिद्ध कर देता है कि वह ऐसे आगमों का, इस जानकारी के बिना कि वे आतंकवाद के आगमों को दर्शित करते हैं, मूल्य के लिए सद्भावी अंतरिती हैं ।
(3) अभिगृहीत या कुर्क की गई संपत्ति के संबंध में न्यायालय के लिए, –
(क) उसका विक्रय किए जाने का निदेश देने वाला आदेश करना समुचित होगा, यदि वह विनश्वर संपत्ति है और संहिता की धारा 459 के उपबंध, जहां तक व्यवहार्य हो, ऐसे विक्रय के शुद्ध आगमों को लागू होंगे;
(ख) किसी अन्य संपत्ति की दशा में, ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, जो न्यायालय द्वारा विनिर्दिष्ट की जाएं, ऐसी संपत्ति के प्रशासक के कृत्य का पालन करने के लिए केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार के किसी अधिकारी का नामनिर्देशन करने वाला आदेश करना समुचित होगा ।
Section 27 UAPA Act — Issue of show cause notice before forfeiture of proceeds of terrorism.
(1) No order forfeiting any proceeds of terrorism shall be made under section 26 unless the person holding or in possession of such proceeds is given a notice in writing informing him of the grounds on which it is proposed to forfeit the proceeds of terrorism and such person is given an opportunity of making a representation in writing within such reasonable time as may be specified in the notice against the grounds of forfeiture and is also given a reasonable opportunity of being heard in the matter.
(2) No order of forfeiture shall be made under sub-section (1), if such person establishes that he is a bona fide transferee of such proceeds for value without knowing that they represent proceeds of terrorism.
(3) It shall be competent for the court to make an order in respect of property seized or attached,— धारा 27 यूएपीए एक्ट
(a) directing it to be sold if it is a perishable property and the provisions of section 459 of the Code shall, as nearly as may be practicable, apply to the net proceeds of such sale; धारा 27 यूएपीए एक्ट
(b) nominating any officer of the Central Government or the State Government, in the case of any other property, to perform the function of the Administrator of such property subject to such conditions as may be specified by the court.