धारा 30 यूएपीए एक्ट — तीसरे पक्षकार द्वारा दावे-
(1) जहां धारा 25 के अधीन किसी संपत्ति के समपहरण या उसकी कुर्की के संबंध में कोई दावा इस आधार पर किया जाता है कि ऐसी संपत्ति समहपरण या कुर्की के लिए दायी नहीं है वहां अभिहित प्राधिकारी, जिसके समक्ष ऐसी संपत्ति पेश की गई है, दावे या आक्षेप का अन्वेषण करने की कार्यवाही करेगा:
परंतु ऐसा कोई अन्वेषण वहां नहीं किया जाएगा, जहां अभिहित प्राधिकारी यह समझता है कि दावा या आक्षेप अनावश्यक विलंब कराने के लिए अभिकल्पित किया गया है ।
(2) जहां धारा 25 की उपधारा (6) के अधीन कोई अपील की गई है और दावाकर्ता या आक्षेपकर्ता यह साबित कर देता है कि धारा 27 के अधीन जारी की गई सूचना में विनिर्दिष्ट संपत्ति, इस अध्याय के अधीन समपहृत किए जाने के लिए दायी नहीं है तो उक्त सूचना को वापस ले लिया जाएगा या तद्नुसार उसे उपांतरित किया जाएगा ।
Section 30 UAPA Act — Claims by third party.
(1) Where any claim is preferred or any objection is made to the seizure or attachment of any property under section 25 on the ground that such property is not liable to seizure or attachment, the Designated Authority before whom such property is produced, shall proceed to investigate the claim or objection:
Provided that no such investigation shall be made where the Designated Authority considers that the claim or objection is designed to cause unnecessary delay.
(2) Where an appeal has been preferred under sub-section (6) of section 25 and any claimant or objector establishes that the property specified in the notice issued under section 27 is not liable to be forfeited under this Chapter, the said notice shall be withdrawn or modified accordingly.