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धारा 34 भारतीय साक्ष्य अधिनियम | धारा 34 साक्ष्य अधिनियम | Section 34 Indian Evidence Act in hindi

धारा 34 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां, जिनके अन्तर्गत वे भी हैं जो इलैक्ट्रानिक रूप में रखी गई हों, कब सुसंगत हैं

कारवार के अनुक्रम में नियमित रूप से रखी गई लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां, जिनके अन्तर्गत वे भी हैं जो इलैक्ट्रानिक रूप में रखी गई हों, जब कभी वे ऐसे विषय का निर्देश करती हैं जिसमें न्यायालय को जांच करनी है, सुसंगत हैं, किन्तु अकेले ऐसे कथन ही किसी व्यक्ति को दायित्व से भारित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं होंगे।

दृष्टांत

ख पर क 1,000 रुपयों के लिए वाद लाता है और अपनी लेखा बहियों की वे प्रवष्टियां दर्शित करता है, जिनमें ख को इस रकम के लिए उसका ऋणी दर्शित किया गया है। ये प्रविष्टियां सुसंगत हैं किन्तु ऋण साबित करने के लिए अन्य साक्ष्य के बिना पर्याप्त नहीं हैं।


Section 34 Indian Evidence Act – Entries in books of account including those maintained in an electronic from when relevant –

Entries in books of account, including those maintained in an electronic from, regularly kept in the course of business, are relevant whenever they refer to a matter into which the Court has to inquire, but such statements shall not alone be sufficient evidence to charge any person with liability. 

Illustration 

A sues B for Rs. 1,000, and shows entries in his account books showing B to be indebted to him to this amount. The entries are relevant, but are not sufficient, without other evidence, to prove the debt. 

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