धारा 39 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – [जबकि, कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलैक्ट्रानिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए —
जबकि कोई कथन, जिसका साक्ष्य दिया जाता है, किसी बृहत्तर कथन का या किसी बातचीत का भाग है या किसी एकल दस्तावेज का भाग है या किसी ऐसी दस्तावेज में अन्तर्विष्ट है जो किसी पुस्तक का अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की संसक्त आवली का भाग है या इलैक्ट्रानिक अभिलेख के भाग में अंतर्विष्ट है, तब उस कथन, बातचीत, दस्तावेज, इलैक्ट्रानिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली के उतने का ही, न कि उतने से अधिक का साक्ष्य दिया जाएगा जितना न्यायालय उस कथन की प्रकृति और प्रभाव को तथा उन परिस्थितियों को, जिनके अधीन वह किया गया था, पूर्णतः समझने के लिए उस विशिष्ट मामले में आवश्यक विचार करता है।]
Section 39 Indian Evidence Act – [What evidence to be given when statement forms part of a conversation, document, electronic record, book or series of letters or papers.—
When any statement of which evidence is given forms part of a longer statement, or of a conversation or part of an isolated document, or is contained in a document which forms part of a book, or is contained in part of electronic record or of a connected series of letters or papers, evidence shall be given of so much and no more of the statement, conversation, document, electronic record, book or series of letters or papers as the Court considers necessary in that particular case to the full understanding of the nature and effect of the statement, and of the circumstances under which it was made.]
1. Subs. by Act 21 of 2000, s. 92 and the Second Schedule, for “s. 39” (w.e.f. 17-10-2000).