धारा 4A दहेज प्रतिषेध अधिनियम- विज्ञापन पर पाबंदी-यदि कोई व्यक्ति
(क) अपने पुत्र या पुत्री या किसी अन्य नातेदार के विवाह के प्रतिफलस्वरूप किसी समाचारपत्र, नियतकालिक पत्रिका, जरनल या किसी अन्य माध्यम से, अपनी संपत्ति या किसी धन के अंश या दोनों के किसी कारबार या अन्य हित में किसी अंश की प्रस्थापना करेगा;
(ख) खण्ड (क) में निर्दिष्ट कोई विज्ञापन मुद्रित करेगा या प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा,
तो वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम की नहीं होगी, किन्तु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो पन्द्रह हजार रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय, ऐसे पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में लेखबद्ध किए जाएंगे, छह मास से कम की किसी अवधि के कारावास का दंडादेश अधिरोपित कर सकेगा।
4A Dowry Prohibition Act- Ban on advertisement—
If any person—
(a) offers, through any advertisement in any newspaper, periodical, journal or through any other media, any share in his property or of any money or both as a share in any business or other interest as consideration for the marriage of his son or daughter or any other relative,
(b) prints or publishes or circulates any advertisement referred to in clause (a),
he shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than six months, but which may extend to five years, or with fine which may extend to fifteen thousand rupees:
Provided that the Court may, for adequate and special reasons to be recorded in the judgment, impose a sentence of imprisonment for a term of less than six months.