धारा 53 यूएपीए एक्ट — आदेशों और नियमों का संसद् के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाना-
(1) इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा किया गया प्रत्येक आदेश और बनाया गया प्रत्येक नियम किए जाने या बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह ऐसी कुल तीस दिन की अवधि के लिए सत्र में हो, जो एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकती है, रखा जाएगा और यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्र के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस आदेश या नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं या दोनों सदन इस बात से सहमत हो जाएं कि वह आदेश या नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो ऐसा आदेश या नियम, यथास्थिति, तत्पश्चात् केवल ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा या उसका कोई प्रभाव नहीं होगा तथापि, उस आदेश या नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से पहले उसके अधीन की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
(2) अनुसूची की प्रविष्टि 33 में निर्दिष्ट आदेश और उस आदेश में किया गया प्रत्येक संशोधन किए जाने के पश्चात्, यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा । यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी ।
Section 53 UAPA Act — Orders and rules to be laid before both Houses of Parliament-
1[(1)] Every order and every rule made by the Central Government under this Act shall be laid, as soon as may be after it is made, before each House of Parliament, while it is in session, for a total period of thirty days which may be comprised in one session or in two or more successive sessions, and if, before the expiry of the session immediately following the session or the successive sessions aforesaid, both Houses agree in making any modification in the order or rule or both Houses agree that the order or rule should not be made, the order or rule shall thereafter have effect only in such modified form or be of no effect, as the case may be; so, however, that any such modification or annulment shall be without prejudice to the validity of anything previously done under that order or rule.
2[(2) The Order referred to in entry 33 of the Schedule and every amendment made to that Order shall be laid as soon as may be after it is made before each House of Parliament while it is in session for a total period of 30 days which may be comprised in one session or in two or more successive sessions.] धारा 53 यूएपीए एक्ट