धारा 59 एनडीपीएस एक्ट — अधिकारी की कर्तव्य में असफलता या इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन में उसकी मौनानुकूलता –
(1) कोई अधिकारी, जिस पर इस अधिनियम द्वारा या इसके अधीन कोई कर्तव्य अधिरोपित किया गया है, और जो अपने पद के कर्तव्यों का अनुपालन करने से प्रविरत रहेगा या इंकार करेगा या उससे अपने आप को प्रत्याहृत करेगा, वह जब तक कि उसने अपने पदीय वरिष्ठ की स्पष्ट लिखित अनुज्ञा प्राप्त नहीं कर ली हो या उसके पास ऐसा करने के लिए अन्य विधिपूर्ण हेतुक न हो, कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडनीय होगा ।
(2) कोई अधिकारी, जिस पर इस अधिनियम द्वारा या इसके अधीन कोई कर्तव्य अधिरोपित किया गया है या कोई व्यक्ति, जिसे –
(क) किसी व्यसनी; या
(ख) किसी अन्य व्यक्ति, जिसे इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए आरोपित किया गया है,
की अभिरक्षा सौंपी गई है और जो इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए किसी नियम या आदेश के किसी उपबंध के उल्लंघन में जानबूझकर सहायता करेगा या मौनानुकूल रहेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो बीस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, जो एक लाख रुपए से कम का नहीं होगा किंतु जो दो लाख रुपए तक का हो सकेगा, दंडनीय होगा ।
स्पष्टीकरण- इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, “अधिकारी” पद के अंतर्गत ऐसा कोई व्यक्ति है जो धारा 64क के अधीन सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे या मान्यताप्राप्त किसी अस्पताल या संस्था में निराव्यसन उपचार करने के लिए नियोजित है ।
(3) कोई न्यायालय उपधारा(1) या उपधारा(2) के अधीन किसी अपराध का संज्ञान , यथास्थिति,केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार की मंजूरी से किये गये लिखित परिवाद पर ही करेगा ,अन्यथा नहीं|
Section 59 NDPS Act — Failure of officer in duty or his connivance at the contravention of the provisions of this Act —
(1) Any officer, on whom any duty has been imposed by or under this Act and who ceases or refuses to perform or withdraws himself from the duties of his office shall, unless he has obtained the express written permission of his official superior or has other lawful excuse for so doing, be punishable with imprisonment for a term which may extend to one year or with fine or with both. धारा 59 एनडीपीएस एक्ट
1[(2) Any officer on whom any duty has been imposed by or under this Act or any person who has been given the custody of–
(a) any addict; or
(b) any other person who has been charged with an offence under this Act,
and who wilfully aids in, or connives at, the contravention of any provision of this Act or any rule or order made thereunder, shall be punishable with rigorous imprisonment for a term which shall not be less than ten years but which may extend to twenty years, and shall also be liable to fine which shall not be less than one lakh rupees but which may extend to two lakh rupees. धारा 59 एनडीपीएस एक्ट
Explanation.— For the purposes of this sub-section, the expression “officer” includes any person employed in a hospital or institution maintained or recognised by the Government or a local authority under section 64A for providing de-addiction treatment.]
(3) No court shall take cognizance of any offence under sub-section (1) or sub-section (2) except on a complaint in writing made with the previous sanction of the Central Government, or as the case may be, the State Government.