धारा 6 परिसीमा अधिनियम — विधिक निर्योग्यता-
(1) जहां कि कोई ऐसा व्यक्ति, जिसे वाद संस्थित करने का या किसी डिक्री के निष्पादन के लिए आवेदन करने का हक हो, उस समय, जब से विहित काल की गणना की जानी है, अप्राप्तव्य या पागल या जड़ हो, वहां उस निर्योग्यता का अन्त होने के पश्चात् वह उतने ही काल के भीतर वाद संस्थित या आवेदन कर सकेगा जितना उसे अन्यथा अनुसूची के तीसरे स्तम्भ में तदर्थ विनिर्दिष्ट समय से अनुज्ञात होता ।
(2) जहां कि ऐसा व्यक्ति, उस समय, जब से विहित काल की गणना की जानी है, ऐसी दो निर्योग्यताओं से ग्रस्त हो अथवा जहां कि वह अपनी निर्योग्यता का अन्त होने के पूर्व किसी दूसरी नियोग्यता से ग्रस्त हो जाए ,वहां वह दोनों निर्योग्यताओं का अन्त होने के पश्चात् उतने ही काल के भीतर वाद संस्थित या आवेदन कर सकेगा जितना अन्यथा ऐसे विनिर्दिष्ट समय से अनुज्ञात होता ।
(3) जहां कि निर्योग्यता उस व्यक्ति की मृत्यु तक बनी रहे वहां विधिक प्रतिनिधि उसकी मृत्यु के पश्चात् उतने ही काल के भीतर वाद संस्थित या आवेदन कर सकेगा जितना उसे अन्यथा ऐसे विनिर्दिष्ट समय से अनुज्ञात होता है।
(4) जहां कि उपधारा (3) में निर्दिष्ट विधिक प्रतिनिधि जिस व्यक्ति का वह प्रतिनिधित्व करता है, उसकी मृत्यु की तारीख को ऐसी किसी निर्योग्यता से ग्रस्त हो वहां उपधाराओं (1) और (2) में अन्तर्विष्ट नियम लागू होंगे ।
(5) जहां कि निर्योग्यता के अधीन कोई व्यक्ति निर्योग्यता का अन्त हो जाने के पश्चात् किन्तु उस काल के भीतर जो उसके लिए इस धारा के अधीन अनुज्ञात है, मर जाए वहां उसका विधिक प्रतिनिधि उसकी मृत्यु के पश्चात् उसी काल के भीतर वाद संस्थित या आवेदन कर सकेगा जितना उस व्यक्ति को अन्यथा उपलब्ध होता यदि उसकी मृत्यु न हुई होती ।
स्पष्टीकरण- इस धारा के प्रयोजनों के लिए “अप्राप्तवय” के अन्तर्गत गर्भस्थ अपत्य आता है ।
Section 6 Limitation Act — Legal disability–
(1) Where a person entitled to institute a suit or make an application for the execution of a decree is, at the time from which the prescribed period is to be reckoned, a minor or insane, or an idiot, he may institute the suit or make the application within the same period after the disability has ceased, as would otherwise have been allowed from the time specified therefor in the third column of the Schedule.
(2) Where such person is, at the time from which the prescribed period is to be reckoned, affected by two such disabilities, or where, before his disability has ceased, he is affected by another disability, he may institute the suit or make the application within the same period after both disabilities have ceased, as would otherwise have been allowed from the time so specified. धारा 6 परिसीमा अधिनियम
(3) Where the disability continues up to the death of that person, his legal representative may institute the suit or make the application within the same period after the death, as would otherwise have been allowed from the time so specified.
(4) Where the legal representative referred to in sub-section (3) is, at the date of the death of the person whom he represents, affected by any such disability, the rules contained in sub-sections (1) and (2) shall apply. धारा 6 परिसीमा अधिनियम
(5) Where a person under disability dies after the disability ceases but within the period allowed to him under this section, his legal representative may institute the suit or make the application within the same period after the death, as would otherwise have been available to that person had he not died. धारा 6 परिसीमा अधिनियम
Explanation.For the purposes of this section, “minor” includes a child in the womb.