धारा 6 बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम – बाल-विवाहों से जन्मे बालकों की धर्मजता-
इस बात के होते हुए भी कि बाल-विवाह धारा 3 के अधीन अकृतता की डिक्री द्वारा बातिल कर दिया गया है, डिक्री किए जाने के पूर्व ऐसे विवाह से जन्मा या गर्भाहित प्रत्येक बालक, चाहे वह इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व या पश्चात् पैदा हुआ हो, सभी प्रयोजनों के लिए धर्मज बालक समझा जाएगा ।
6 Prohibition of Child Marriage Act -Legitimacy of children born of child marriages –
Notwithstanding that a child marriage has been annulled by a decree of nullity under section 3, every child begotten or conceived of such marriage before the decree is made, whether born before or after the commencement of this Act, shall be deemed to be a legitimate child for all purposes.