धारा 68H एनडीपीएस एक्ट — संपत्ति के समपहरण की सूचना –
(1) यदि, सक्षम प्राधिकारी के पास किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा जिसको यह अध्याय लागू होता है, स्वयं अपने द्वारा या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति की मार्फत धारित संपत्तियों के मूल्य, उसकी आय, उपार्जन या आस्तियों के उसके ज्ञात स्रोत और धारा 68ङ के अधीन अन्वेषण करने वाले किसी अधिकारी की रिपोर्ट के परिणामस्वरूप या अन्यथा उसे उपलब्ध किसी अन्य जानकारी या सामग्री को ध्यान में रखते हुए, यह विश्वास करने का कारण है (ऐसे विश्वास के लिए जो कारण हैं वे लेखबद्ध किए जाएंगे) कि ऐसी सभी या कोई संपत्ति अवैध रूप से अर्जित संपत्ति है तो वह ऐसे व्यक्ति को (जिसे इसमें इसके पश्चात् प्रभावित व्यक्ति कहा गया है) सूचना की तामील यह अपेक्षा करते हुए कर सकेगा कि वह सूचना में विनिर्दिष्ट तीस दिन की अवधि के भीतर अपनी आय, उपार्जन या आस्तियों के ऐसे स्रोतों को, जिससे या जिनके द्वारा उसने ऐसी संपत्ति अर्जित की है, वह साक्ष्य जिस पर वह निर्भर करता है तथा अन्य सुसंगत जानकारी और विशिष्टियां उपदर्शित करे और यह हेतुक दर्शित करे कि ऐसी सभी या कोई संपत्ति क्यों न अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति घोषित की जाए और इस अध्याय के अधीन केंद्रीय सरकार को समपहृत की जाए ।
(2) जहां किसी व्यक्ति को उपधारा (1) के अधीन दी गई सूचना में किसी संपत्ति के बारे में यह विनिर्दिष्ट किया जाता है कि वह किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ऐसे व्यक्ति की ओर से धारित है वहां सूचना की प्रति ऐसे अन्य व्यक्ति को भी तामील की जाएगी:
परन्तु समपहरण के लिए ऐसी कोई सूचना, धारा 68क की उपधारा (2) के खंड (गग) में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति पर या उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति के किसी नातेदार या उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति के सहयुक्त अथवा ऐसी किसी संपत्ति के धारक पर जो कि पूर्व में किसी समय उस खंड में निर्दिष्ट व्यक्ति द्वारा धारित थी, तामील नहीं की जाएगी ।
स्पष्टीकरण – शंकाओं को दूर करने के लिए यह घोषित किया जाता है कि ऐसे मामले में जहां धारा 68ञ के उपबंध लागू होते हैं, इस धारा के अधीन कोई सूचना मात्र इस आधार पर अविधिमान्य नहीं होगी कि वह उस साक्ष्य का उल्लेख करने में असफल रहती है, जिस पर निर्भर किया गया है या वह समपहृत किए जाने की वांछा की गई संपत्ति और इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन में किसी क्रियाकलाप के बीच सीधा संबंध सिद्ध करने में असफल रहती है ।
Section 68H NDPS Act — Notice of forfeiture of property. —
(1) If, having regard to the value of the properties held by any person to whom this Chapter applies, either by himself or through any other person on his behalf, his known sources of income, earnings or assets, and any other information or material available to it as a result of a report from any officer making an investigation under section 68E or otherwise, the competent authority has reason to believe (the reasons for such belief to be recorded in writing) that all or any of such properties are illegally acquired properties, it may serve a notice upon such person (hereinafter referred to as the person affected) calling upon him within a period of thirty days specified in the notice to indicate the sources of his income, earnings or assets, out of which or by means of which he has acquired such property, the evidence on which he relies and other relevant information and particulars, and to show cause why all or any of such properties, as the case may be, should not be declared to be illegally acquired properties and forfeited to the Central Government under this Chapter. धारा 68H एनडीपीएस एक्ट
(2) Where a notice under sub-section (1) to any person specifies any property as being held on behalf of such person by any other person, a copy of the notice shall also be served upon such other person. धारा 68H एनडीपीएस एक्ट
2[Provided that no notice for forfeiture shall be served upon any person referred to in clause (cc) of sub-section (2) of section 68A or relative of a person referred to in that clause or associate of a person referred to in that clause or holder of any property which was at any time previously held by a person referred to in that clause.]
3[Explanation.— For the removal of doubts, it is hereby declared that in a case where the provisions of section 68J are applicable, no notice under this section shall be invalid merely on the ground that it fails to mention the evidence relied upon or it fails to establish a direct nexus between the property sought to be forfeited and any activity in contravention of the provisions of this Act.