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धारा 73A भारतीय साक्ष्य अधिनियम | धारा 73A साक्ष्य अधिनियम| Section 73A Indian Evidence Act in hindi

धारा 73A भारतीय साक्ष्य अधिनियम – अंकीय चिह्न के सत्यापन के बारे में सबूत —

यह अभिनिश्चित करने के लिए कि क्या कोई अंकीय चिह्नक उस व्यक्ति का है जिसके द्वारा उसका लगाया जाना तात्पर्यित है, न्यायालय यह निदेश दे सकेगा कि:-

(क) वह व्यक्ति या नियंत्रक या प्रमाणकर्ता प्राधिकारी अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र पेश करे;

(ख) कोई अन्य व्यक्ति अंकीय चिह्नक प्रमाणपत्र में सूचीबद्ध लोक कुंजी के लिए आवेदन करे और उस अंकीय चिह्नक को, जिसका उस व्यक्ति द्वारा लगाया जाना तात्पर्यित है, सत्यापित करे।

स्पष्टीकरण – इस धारा के प्रयोजनों के लिए “नियंत्रक” से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 17 की उपधारा (1) के अधीन नियुक्त नियंत्रक अभिप्रेत है।


Section 73A Indian Evidence Act – 1[Proof as to verification of digital signature.

In order to ascertain whether a digital signature is that of the person by whom it purports to have been affixed, the Court may direct

(a) that person or the Controller or the Certifying Authority to produce the Digital Signature Certificate;

(b) any other person to apply the public key listed in the Digital Signature Certificate and verify the digital signature purported to have been affixed by that person.

Explanation. — For the purposes of this section, “Controller” means the Controller appointed under sub-section (1) of section 17 of the Information Technology Act, 2000 (21 of 2000). ]


1. Ins by Act 21 of 2000, s. 92 and the second Schedule (w.e.f. 17-10-2000).

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