धारा 8 दहेज प्रतिषेध अधिनियम – अपराधों का कुछ प्रयोजनों के लिए संज्ञेय होना तथा जमानतीय और अशमनीय होना-
(1) दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) इस अधिनियम के अधीन अपराधों को वैसे ही लागू होगी मानो वे –
(क) ऐसे अपराधों के अन्वेषण के प्रयोजनों के लिए; और
(ख) निम्नलिखित से भिन्न विषयों के प्रयोजनों के लिए –
(i) उस संहिता की धारा 42 में विनिर्दिष्ट विषय; और
(ii) किसी व्यक्ति को वारण्ट के बिना या मजिस्ट्रेट के किसी आदेश के बिना गिरफ्तारी, संज्ञेय अपराध हों ।
(2) इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक अपराध [अजमानतीय] और अशमनीय होगा।
8 Dowry Prohibition Act – Offences to be cognizable for certain purposes and to be bailable and non-compoundable—
(1) The Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974) shall apply to offences
under this Act as if they were cognizable offences—
(a) for the purposes of investigation of such offences; and
(b) for the purposes of matters other than—
(i) matters referred to in section 42 of that Code; and
(ii) the arrest of a person without a warrant or without an order of a Magistrate.
(2) Every offence under this Act shall be [non-bailable] and non-compoundable.