धारा 85 भारतीय साक्ष्य अधिनियम – मुख्तारनामों के बारे में उपधारणा —
न्यायालय यह उपधारित करेगा कि हर ऐसी दस्तावेज जिसका मुख्तारनामा होना और नोटरी पब्लिक या किसी न्यायालय, न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट, भारतीय कौन्सल या उपकौन्सल या केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के समक्ष निष्पादित और उस द्वारा अधिप्रमाणीकृत होना तात्पर्यित है, ऐसे निष्पादित और अधिप्रमाणीकृत की गई थी।
Section 85 Indian Evidence Act – Presumptions as to powers-of-attorney —
The Court shall presume that every document purporting to be a power-of-attorney, and to have been executed before, and authenticated by, a Notary Public, or any Court, Judge, Magistrate, 1[Indian ]Consul or Vice-Consul, or representative 2 *** of the 3[Central Government], was so executed and authenticated.
1. Subs. by the A.O. 1950, for “British”.
2. The Words “of Her Majesty, or” Rep. by ibid.
3. Subs. by the A.O. 1937, for “Government of India”.