संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 122 -“दान” की परिभाषा-
“दान” किसी वर्तमान जंगम या स्थावर सम्पत्ति का वह अन्तरण है, जो एक व्यक्ति द्वारा, जो दाता कहलाता है, दूसरे व्यक्ति को, जो आदाता कहलाता है, स्वेच्छया और प्रतिफल के बिना किया गया हो और आदाता द्वारा या की ओर से प्रतिगृहीत किया गया हो।
प्रतिग्रहण कब करना होगा—ऐसा प्रतिग्रहण दाता के जीवन काल में और जब तक वह देने के लिए समर्थ हो, करना होगा। यदि प्रतिग्रहण करने से पहले आदाता की मृत्यु हो जाती है तो दान शून्य हो जाता है।
Section 122 TPA -“Gift” defined –
Gift is the transfer of certain existing movable or immovable property made voluntarily and without consideration, by one person, called the donor, to another, called the donee, and accepted by or on behalf of the donee.
Acceptance when to be made.— Such acceptance must be made during the lifetime of the donor and while he is till capable of giving,
If the donee dies before acceptance, the gift is void.