संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 40 – भूमि के उपयोग पर निर्बन्धन लगाने वाली बाध्यता का या स्वामित्व से उपाबद्ध किन्तु हित या सुखाचार की कोटि में न आने वाली बाध्यता का बोझ-
जहां कि अपनी निजी स्थावर सम्पत्ति के अधिक फायदाप्रद उपभोग के लिए किसी अन्य व्यक्ति का किसी दूसरे व्यक्ति की स्थावर सम्पत्ति में के किसी हित या सुखाचार पर अनाश्रित यह अधिकार हो कि वह पश्चात्कथित सम्पत्ति का किसी विशिष्ट रीति से उपभोग किए जाने पर अवरोध लगा दे, अथवा
जहां कि अन्य ब्यक्ति ऐसी बाध्यता से फायदा उठाने का हकदार हो, जो संविदा से उद्भूत होता है और स्थावर सम्पत्ति के स्वामित्व से उपाबद्ध है, किन्तु जो उसमें हित या सुखाचार की कोटि में नहीं आता,
वहां ऐसा अधिकार या बाध्यता ऐसे अन्तरिती के विरुद्ध प्रवर्तित की जा सकेगी, जिसको उसकी सूचना है या जो उस सम्पत्ति का, जिस पर तद्द्वारा प्रभाव पड़ा है, आनुग्रहिक अन्तरिती है, किन्तु उस अन्तरिती के विरुद्ध नहीं जो सप्रतिफल है और जिसे अधिकार या बाध्यता की सूचना नहीं है और न उसके हाथ में की वैसी सम्पत्ति के विरुद्ध।
दृष्टांत
ख को सुलतानपुर बेचने की संविदा क करता है । संविदा के प्रवर्तन में होते हुए भी वह सुलतानपुर को ग को, जिसे संविदा की सूचना है, बेच देता है । ख संविदा को ग के विरुद्ध उसी विस्तार तक प्रवर्तित करा सकेगा जिस तक वह क के विरुद्ध प्रवर्तित करा सकता है।
Section 40 TPA – Burden of obligation imposing restriction on use of land-
Where, for the more beneficial enjoyment of his own immoveable property, a third person has, independently of any interest in the immoveable property of another or of any easement thereon, a right to restrain the enjoyment 1[in a particular manner of the latter property], or
Or of obligation annexed to ownership but not amounting to interest or easement.-– Where a third person is entitled to the benefit of an obligation arising out of contract and annexed to the ownership of immoveable property, but not amounting to an interest therein or easement thereon, संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 40
such right or obligation may be enforced against a transferee with notice thereof or a gratuitous transferee of the property affected thereby, but not against a transferee for consideration and without notice of the right or obligation, nor against such property in his hands. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 40
Illustration
A contracts to sell Sultanpur to B. While the contract is still in force he sells Sultanpur to C, who has notice of the contract. B may enforce the contract against C to the same extent as against A.