संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 44 – एक सहस्वामी द्वारा अन्तरण-
जहां कि स्थावर सम्पत्ति के दो या अधिक सहस्वामियों में से एक, जो ऐसा करने के लिए वैध रूप से सक्षम है, ऐसी सम्पत्ति में का अपना अंश या कोई हित अन्तरित करता है, वहाँ अन्तरिती ऐसे अंश या हित के बारे में और वहां तक, जहाँ तक उस अन्तरण को प्रभावशील करने के लिए आवश्यक हो सम्पत्ति पर संयुक्त कब्जा रखने का, या सम्पत्ति का अन्य सामान्य या भागिक उपभोग करने का और उस सम्पत्ति का विभाजन कराने का अन्तरक का अधिकार अर्जित करता है जो ऐसे अन्तरित अंश या हित पर अन्तरण की तारीख को प्रभाव डालने वाली शर्तों और दायित्वों के अध्यधीन है।
जहां कि किसी अविभक्त कुटुम्ब के निवास गृह के किसी अंश का अन्तरिती उस कुटुम्ब का सदस्य नहीं है वहां इस धारा की कोई भी बात उसे उस गृह पर संयुक्त कब्जा रखने का या कोई दूसरा सामान्य या भागिक उपभोग करने का हकदार करने वाली नहीं समझी जाएगी।
Section 44 TPA – Transfer by one co-owner –
Where one of two or more co-owners of immoveable property legally competent in that behalf transfers his share of such property or any interest therein, the transferee acquires as to such share or interest, and so far as is necessary to give, effect to the transfer, the transferor’s right to joint possession or other common or part enjoyment of the property, and to enforce a partition of the same, but subject to the conditions and liabilities affecting, at the date of the transfer, the share or interest so transferred. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 44
Where the transferee of a share of a dwelling-house belonging to an undivided family is not a member of the family, nothing in this section shall be deemed to entitle him to joint possession or other common or part enjoyment of the house.