संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 45 – प्रतिफलार्थ संयुक्त अन्तरण-
जहां कि स्थावर सम्पत्ति दो या अधिक व्यक्तियों को प्रतिफलार्थ अन्तरित की जाती है और ऐसा प्रतिफल किसी ऐसी निधि में से दिया जाता है जो उनकी सांझे की है, वहाँ तत्प्रतिकूल संविदा के अभाव में वे ऐसी सम्पत्ति में उन हितों के क्रमशः हकदार होंगे जो उन हितों के यथाशक्य समान होंगे जिनके वे उस निधि में क्रमशः हकदार थे और जहां कि ऐसा प्रतिफल उसकी अपनी-अपनी पृथक् निधियों में से दिया जाता है वहां कोई तत्प्रतिकूल संविदा न हो तो वे ऐसी सम्पत्ति में हित के हकदार क्रमश: उसी अनुपात में होंगे जो प्रतिफल के उन अंशों का है जिन्हें उन्होंने क्रमशः दिया था।
इस बात के बारे में साक्ष्य के अभाव में कि उस निधि में वे किसी हित के क्रमशः हकदार थे या उन्होंने क्रमशः कितना-कितना अंश दिया था यह उपधारणा की जाएगी कि वे व्यक्ति उस सम्पत्ति में बराबर का हित रखते हैं।
Section 45 TPA – Joint transfer for consideration –
Where immoveable property is transferred for consideration to two or more persons and such consideration is paid out of a fund belonging to them in common, they are, in the absence of a contract to the contrary, respectively entitled to interests in such property identical, as nearly as may be, with the interests to which they were respectively entitled in the fund; and, where such consideration is paid out of separate funds belonging to them respectively, they are, in the absence of a contract to the contrary, respectively entitled to interests in such property in proportion to the shares of the consideration which they respectively advanced.
In the absence of evidence as to the interests in the fund to which they were respectively entitled, or as to the shares which they respectively advanced, such persons shall be presumed to be equally interested in the property.