संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 51 – त्रुटियुक्त हकों के अधीन सद्भावपूर्वक धारकों द्वारा की गई अभिवृद्धियां-
जब कि स्थावर सम्पत्ति का अन्तरिती सद्भावपूर्वक यह विश्वास करते हुए कि उस पर उसका आत्यन्तिक हक है सम्पत्ति में अभिवृद्धि करता है, किन्तु पीछे बेहतर हक रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा वह उससे बेदखल कर दिया जाता है तब बेदखल करने वाले व्यक्ति से यह अपेक्षा करने का अन्तरिती को अधिकार है कि वह या तो अभिवृद्धि के मूल्य को प्राक्कलित कराए और उसे अन्तरिती को दिलाए या प्रतिभूत कराए अथवा अपने उस हित को, जो उस सम्पत्ति में उसे हो, ऐसी अभिवृद्धि के मूल्य को दृष्टि में लाए बिना अन्तरिती को तत्कालीन बाजार भाव पर बेच दें।
जो रकम ऐसी अभिवृद्धि के लिए दी जानी या प्रतिभूत की जानी है वह बेदखली के समय का उसका प्राक्कलित मूल्य होगी।
जब कि अन्तरिती ने उस सम्पत्ति में पूर्वोक्त परिस्थितियों के अधीन ऐसी फसल लगाई या बोई हो, जो उसके वहां से बेदखल होने के समय उगी हुई है, तब वह ऐसी फसलों का और उन्हें एकत्रित करने और ले जाने के लिए सम्पत्ति पर अबाध रूप से आने जाने का हकदार है।
Section 51 TPA – Improvements made by bonafide holders under defective titles-
When the transferee of immovable property makes any improvement on the property, believing in good faith that he is absolutely entitled thereto, and he is subsequently evicted therefrom by any person having a better title, the transferee has a right to require the person causing the eviction either to have the value of the improvement estimated and paid or secured to the transferee, or to sell his interest in the property to the transferee at the then market value thereof irrespective of the value of such improvement.
The amount to be paid or secured in respect of such improvement shall be the estimated value thereof at the time of the eviction.
When, under the circumstances aforesaid, the transferee has planted or sown on the property crops which arc growing when he is evicted therefrom, he is entitled to such crops and to free ingress and egress togather and carry them.