संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 56 – पाश्चिक क्रेता द्वारा क्रमबन्धन–
यदि दो या अधिक सम्पत्तियों का स्वामी उन्हें एक व्यक्ति के पास बन्धक रख देता है और फिर उन सम्पत्तियों में से एक या अधिक को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच देता है तो तत्प्रतिकूल संविदा के अभाव में क्रेता उक्त बन्धक ऋण को उसे न बेची गई सम्पत्ति या सम्पत्तियों से, जहां तक कि उससे या उनसे उसकी तुष्टि हो सकती है, तुष्टि कराने का हकदार है किन्तु इस प्रकार नहीं कि उससे बन्धकदार के या उससे व्युत्पन्न अधिकाराधीन दावा करने वाले व्यक्तियों के या उक्त सम्पत्तियों में से किसी में प्रतिफलार्थ हित अर्जित करने वाले किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े।
Section 56 TPA – Marshalling by subsequent purchaser –
If the owner of two or more properties mortgages them to one person and then sells one or more of the properties to another person, the buyer is, in the absence of a contract to the contrary, entitled to have the mortgage-debt satisfied out of the property or properties not sold to him, so far as the same will extend, but not so as to prejudice the rights of the mortgagee or persons claiming under him or any other person who has for consideration acquired an interest in any of the properties.