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संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 60 | Section 60 TPA in hindi

संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 60 – मोचन करने का बंधककर्ता का अधिकार-

मूलधन के शोध्य हो जाने के पश्चात् किसी भी समय बंधककर्ता का बंधक धन को उपयुक्त समय और स्थान में देने या निविदत्त करने पर यह अधिकार होता है कि वह बंधकदार से अपेक्षा करे कि वह (क) बंधककर्ता को बंधक विलेख और बंधक-सम्पत्ति से संबंधित ऐसी सब दस्तावेजों का परिदान करे जो बंधकदार के कब्जे में या शक्ति में हों, (ख) जहां कि बंधकदार बंधक-सम्पत्ति पर कब्जा रखता है वहां बंधककर्ता को उस पर कब्जा परिदत्त करे; और (ग) बंधककर्ता के खर्च पर या तो बंधक-सम्पत्ति उसको या ऐसे अन्य व्यक्ति को, जिसे वह निदेशित करे, प्रति-अंतरित करे या यह लेखबद्ध अभिस्वीकृति कि ऐसा कोई अधिकार, जो बंधककर्ता के उस हित का अल्पीकरण करता है जो बंधकदार को अंतरित किया गया है, निर्वापित हो गया है, निष्पादित करे और (जहां कि बंधक रजिस्ट्रीकृत लिखत द्वारा किया गया है)। रजिस्ट्रीकृत कराए :

परन्तु यह तब कि इस धारा द्वारा प्रदत्त अधिकार पक्षकारों के कार्य द्वारा या न्यायालय की डिक्री द्वारा निर्वापित न हो चुका हो।

इस धारा द्वारा प्रदत्त अधिकार मोचन अधिकार कहलाता है और उसे प्रवर्तित कराने का वाद मोचन वाद कहलाता है।

इस धारा की कोई भी बात ऐसे किसी उपबंध को अविधिमान्य कर देने वाली न समझी जाएगी जिसका यह प्रभाव है कि यदि वह समय निकल जाने दिया गया है जो मूलधन के संदाय के लिए नियत है या यदि ऐसा कोई समय नियत नहीं किया गया है तो बंधकदार ऐसे धन के संदाय या निविदा से पहले युक्तियुक्त सूचना पाने का हकदार होगा।

बंधक-सम्पत्ति के भाग का मोचन- इस धारा की कोई भी बात बंधक-सम्पत्ति के अंश में ही हितबद्ध किसी व्यक्ति को बंधक मद्धे अवशिष्ट शोध्य रकम के आनुपातिक भाग के संदाय पर अपने ही अंश का मोचन कराने का हकदार नहीं बनाएगी केवल वहां के सिवाय जहां कि बंधकदार ने या यदि एक से अधिक बंधकदार हैं तो ऐसे सब बंधकदारों ने बंधककर्ता के उस अंश को पूर्णतः या भागत. अर्जित कर लिया है।


Section 60 TPA –“Right of mortgagor to redeem ”–

At any time after the principal money has become due, the mortgagor has a right, on payment or tender, at a proper time and place, of the mortgage- money, to require the mortgagee(a) to deliver to the mortgagor the mortgage-deed and all documents relating to the mortgaged property which are in the possession or power of the mortgagee, (b) where the mortgagee is in possession of the mortgaged property, to deliver possession thereof to the mortgagor, and (c)at the cost of the mortgagor either to re-transfer the mortgaged property to him or to such third person as he may direct, or to execute and (where the mortgage has been effected by a registered instrument) to have registered an acknowledgement in writing that any right in derogation of his interest transferred to the mortgagee has been extinguished: 

  • Provided that the right conferred by this section has not been extinguished by act of the parties or by decree of a Court.  संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 60

The right conferred by this section is called a right to redeem, and a suit to enforce it is called a suit for redemption.  संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 60

Nothing in this section shall be deemed to render invalid any provision to the effect that, if the time fixed for payment of the principal money has been allowed to pass or no such time has been fixed. the mortgagee shall be entitled to reasonable notice before payment or tender of such money.  संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 60

Redemption of portion of mortgaged property.—Nothing in this section shall entitle a person interested in a share only of the mortgaged property to redeem his own share only, on payment of a proportionate part of the amount remaining due on the mortgage, except only where a mortgagee, or, if there are more mortgagees than one, all such mortgagees, has or have acquired, in whole or in part, the share of a mortgagor.

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