संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 67A – बंधकदार कई बन्धकों के आधार पर एक वाद लाने को कब आबद्ध होता है-
जो बन्धकदार एक ही बन्धककर्ता द्वारा निष्पादित ऐसे दो या अधिक बन्धक धारण करता है, जिनमें से हर एक के विषय में उसे धारा 67 के अधीन एक ही किस्म की डिक्री अभिप्राप्त करने का अधिकार है, और जो उन बन्धकों में से किसी एक के लिए ऐसी डिक्री अभिप्राप्त करने के लिए वाद लाता है, तब तत्प्रतिकूल संविदा न हो तो, उन सब बन्धकों के आधार पर, जिनके बारे में बन्धक धन शोध्य हो गया है, वाद लाने के लिए आबद्ध होगा।
Section 67A TPA – Mortgagee when bound to bring one suit on several mortgages.—
A mortgagee who holds two or more mortgages executed by the same mortgagor in respect of each of which he has a right to obtain the same kind of decree under section 67, and who sues to obtain such decree on any one of the mortgages, shall, in the absence of a contract to the contrary, be bound to sue on all the mortgages in respect of which the mortgage-money has become due.