संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 102 – अभिकर्ता पर तामील या उसकी निविदा–
जहां कि वह व्यक्ति, जिस पर या जिसको इस अध्याय के अधीन किसी सूचना की तामील या निविदा की जानी है, उस जिले में निवास नहीं करता, जिसमें बन्धक-सम्पत्ति या उसका कुछ भाग स्थित है, वहां ऐसे व्यक्ति से आम-मुख्तारनामा प्राप्त या ऐसी तामील या निविदा को प्रतिगृहीत करने के लिए सम्यक् रूप से प्राधिकृत अभिकर्ता पर तामील या उसको निविदा पर्याप्त समझी जाएगी।
जहां कि ऐसा कोई व्यक्ति या अभिकर्ता जिस पर ऐसी सूचना की तामील होनी चाहिए, नहीं मिल सकता या सूचना की तामील करने के लिए अपेक्षित व्यक्ति को ज्ञात नहीं है। वहां पश्चात्कथित व्यक्ति ऐसे किसी भी न्यायालय से, जिसमें उस बन्धक संपत्ति के मोचन के लिए वाद लाया जा सकता है, आवेदन कर सकेगा और ऐसा न्यायालय निर्दिष्ट करेगा कि किस प्रकार से ऐसी सूचना की तामील होगी और ऐसे निदेश के अनुवर्तन में तामील की गई सूचना पर्याप्त समझी जाएगी :
- परन्तु यदि वह सूचना ऐसी सूचना है जो किसी निक्षेप की दशा में धारा 83 द्वारा अपेक्षित है तो उसके बारे में आवेदन उस न्यायालय में किया जाएगा जिसमें वह निक्षेप किया गया है।
जहां कि कोई भी व्यक्ति या अभिकर्ता जिसे ऐसी निविदा की जानी चाहिए, नहीं मिल सकता या निविदा करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को ज्ञात नहीं है। वहां पश्चात्कथित व्यक्ति किसी भी ऐसे न्यायालय में, जिसमें उस बन्धक-सम्पत्ति के मोचन के लिए वाद लाया जा सकता है, वह रकम, जिसकी निविदा की जानी ईप्सित थी, निक्षिप्त कर सकेगा, और ऐसा निक्षेप ऐसा रकम की निविदा का प्रभाव रखेगा।
Section 102 TPA – Service or tender on or to agent –
Where the person on or to whom any notice or tender is to be served or made under this Chapter does not reside in the district in which the mortgaged property or some part thereof is situate, service or tender on or to an agent holding a general power-of-attorney from such person or otherwise duly authorized to accept such service or tender shall be deemed sufficient.
1[Where no person or agent on whom such notice should be served can be found or is known] to the person required to serve the notice, the latter person may apply to any Court in which a suit might be brought for redemption of the mortgaged property, and such Court shall direct in what manner such notice shall be served, and any notice served in compliance with such direction shall be deemed Sufficient: संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 102
2[Provided that, in the case of a notice required by section 83, in the case of a deposit, the application shall be made to the Court in which the deposit has been made.] संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 102
3[Where no person or agent to whom such tender should be made can be found or is known] to the person desiring to make the tender, the latter person may deposit, 4[in any Court in which a suit might be brought for redemption of the mortgaged property] the amount sought to be tendered, and such deposit shall have the effect of a tender of such amount. संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 102
1. Subs. by Act 20 of 1929, s. 52, for certain words.
2. Ins. by s. 52, ibid.
3. Subs. by Act 20 of 1929, s. 52, for certain words.
4. Subs. by s. 52, ibid., for “in such Court as last aforesaid”.