सीआरपीसी की धारा 274 — समन-मामलों और जांचों में अभिलेख —-
(1) मजिस्ट्रेट के समक्ष विचारित सब समन-मामलों में, धारा 145 से धारा 148 तक की धाराओं के अधीन (जिनके अन्तर्गत ये दोनों धाराएँ भी हैं) सब जांचों में, और विचारण के अनुक्रम की कार्यवाहियों से भिन्न धारा 446 के अधीन सब कार्यवाहियों में, मजिस्ट्रेट जैसे-जैसे प्रत्येक साक्षी की परीक्षा होती जाती है, वैसे-वैसे उसके साक्ष्य के सारांश का ज्ञापन न्यायालय की भाषा में तैयार करेगा :
परन्तु यदि मजिस्ट्रेट ऐसा ज्ञापन स्वयं तैयार करने में असमर्थ है तो वह अपनी असमर्थता के कारणों को अभिलिखित करने के पश्चात् ऐसे ज्ञापन को खुले न्यायालय में स्वयं बोलकर लिखित रूप में तैयार कराएगा।
(2) ऐसे ज्ञापन पर मजिस्ट्रेट हस्ताक्षर करेगा और वह अभिलेख का भाग होगा।
Section 274 CrPC — Record in summons-cases and inquiries —
(1) In all summons-cases tried before a Magistrate, in all inquiries under sections 145 to 148 (both inclusive), and in all proceedings under section 446 otherwise than in the course of a trial, the Magistrate shall, as the examination of each witness proceeds, make a memorandum of the substance of his evidence in the language of the Court :
Provided that if the Magistrate is unable to make such memorandum himself, he shall, after recording the reason of his inability, cause such memorandum to be made in writing or from his dictation in open Court.
(2) Such memorandum shall be signed by the Magistrate and shall form part of the record.