सीआरपीसी की धारा 374 — दोषसिद्धि से अपील —
(1) कोई व्यक्ति जो उच्च न्यायालय द्वारा असाधारण, आरंभिक दांडिक अधिकारिता के प्रयोग में किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है।
(2) कोई व्यक्ति जो सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश द्वारा किए गए विचारण में या किसी अन्य न्यायालय द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, जिसमें सात वर्ष से अधिक के कारावास का दण्डादेश उसके विरुद्ध या उसी विचारण में दोषसिद्ध किए गए किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध दिया गया है उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
(3) उपधारा (2) में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई व्यक्ति–
(क) जो महानगर मजिस्ट्रेट या सहायक सेशन न्यायाधीश या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, अथवा
(ख) जो धारा 325 के अधीन दण्डादिष्ट किया गया है, अथवा
(ग) जिसके बारे में किसी मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 360 के अधीन आदेश दिया गया है या दण्डादेश पारित किया गया है,
सेशन न्यायालय में अपील कर सकता है।
(4) जब भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376, धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख या धारा 376ङ के अधीन पारित किसी दण्डादेश के विरुद्ध अपील फाइल की गई है, तो अपील का निपटारा, ऐसी अपील फाइल किये जाने की तारीख से छह मास की अवधि के भीतर किया जाएगा।
Section 374 CrPC — Appeals from convictions —
(1) Any person convicted on a trial held by a High Court in its extraordinary original criminal jurisdiction may appeal to the Supreme Court.
(2) Any person convicted on a trial held by a Sessions Judge or an Additional Sessions Judge or on a trial held by any other court in which a sentence of imprisonment for more than seven years 1 [has been passed against him or against any other person convicted at the same trial], may appeal to the High Court.
(3) Save as otherwise provided in sub-section (2), any person,–
(a) convicted on a trial held by a Metropolitan Magistrate or Assistant Sessions Judge or Magistrate of the first class, or of the second class, or
(b) sentenced under section 325, or
(c) in respect of whom an order has been made or a sentence has been passed under section 360 by any Magistrate,
may appeal to the Court of Session.