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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 378 | सीआरपीसी की धारा 378 | Section 378 CrPC in hindi

सीआरपीसी की धारा 378 — दोषमुक्ति की दशा में अपील –

(1) उपधारा (2) में जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय और उपधारा (3) और उपधारा (5) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए–

(क) जिला मजिस्ट्रेट, किसी मामले में, लोक अभियोजक को किसी संज्ञेय और अजमानतीय अपराध की बाबत किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित दोषमुक्ति के आदेश से सेशन न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकेगा;

(ख) राज्य सरकार, किसी मामले में लोक अभियोजक को उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा पारित दोषमुक्ति के मूल या अपीली आदेश से जो खण्ड (क) के अधीन आदेश नहीं है या पुनरीक्षण में सेशन न्यायालय द्वारा पारित दोषमुक्ति के आदेश से उच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकेगी।

(2) यदि ऐसा दोषमुक्ति का आदेश किसी ऐसे मामले में पारित किया जाता है जिसमें अपराध का अन्वेषण दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन अधिनियम, 1946 (1946 का 25) के अधीन गठित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन द्वारा या इस संहिता से भिन्न किसी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन अपराध का अन्वेषण करने के लिए सशक्त किसी अन्य अभिकरण द्वारा किया गया है तो केन्द्रीय सरकार उपधारा (3) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए, लोक अभियोजक को– 

(क) दोषमुक्ति के ऐसे आदेश से, जो संज्ञेय और अजमानतीय अपराध की बाबत किसी मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किया गया है, सेशन न्यायालय में;

(ख) दोषमुक्ति के ऐसे मूल या अपीली आदेश से जो किसी उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा पारित किया गया है जो खण्ड (क) के अधीन आदेश नहीं है या दोषमुक्ति के ऐसे आदेश से जो पुनरीक्षण में सेशन न्यायालय द्वारा पारित किया गया है, उच्च न्यायालय में,

अपील प्रस्तुत करने का निदेश दे सकती है;

(3) उपधारा (1) या उपधारा (2) के अधीन उच्च न्यायालय को कोई अपील उच्च न्यायालय की इजाजत के बिना ग्रहण नहीं की जाएगी।

(4) यदि दोषमुक्ति का ऐसा आदेश परिवाद पर संस्थित किसी मामले में पारित किया गया है और उच्च न्यायालय, परिवादी द्वारा उससे इस निमित्त आवेदन किए जाने पर, दोषमुक्ति के आदेश की अपील करने की विशेष इजाजत देता है तो परिवादी ऐसी अपील उच्च न्यायालय में उपस्थित कर सकता है ।

(5) दोषमुक्ति के आदेश से अपील करने की विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उपधारा (4) के अधीन कोई आवेदन उच्च न्यायालय द्वारा, उस दशा में जिसमें परिवादी लोक-सेवक है उस दोषमुक्ति के आदेश की तारीख से संगणित, छह मास की समाप्ति के पश्चात् और प्रत्येक अन्य दशा में ऐसे संगणित साठ दिन की समाप्ति के पश्चात् ग्रहण नहीं किया जाएगा।

(6) यदि किसी मामले में दोषमुक्ति के आदेश से अपील करने की विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उपधारा (4) के अधीन कोई आवेदन नामंजूर किया जाता है तो उस दोषमुक्ति के आदेश से उपधारा (1) के अधीन या उपधारा (2) के अधीन कोई अपील नहीं होगी।


ection 378 CrPC — Appeal in case of acquittal —

1[(1) Save as otherwise provided in sub-section (2), and subject to the provisions of sub-sections (3) and (5),–


(a) the District Magistrate may, in any case, direct the Public Prosecutor to present an appeal to the Court of Session from an order of acquittal passed by a Magistrate in respect of a cognizable and non-bailable offence;


(b) the State Government may, in any case, direct the Public Prosecutor to present an appeal to the High Court from an original or appellate order of acquittal passed by any Court other than a High Court [not being an order under clause (a)] or an order of acquittal passed by the Court of Session in revision.] सीआरपीसी की धारा 378


(2) If such an order of acquittal is passed in any case in which the offence has been investigated by the Delhi Special Police Establishment constituted under the Delhi Special Police Establishment Act, 1946 (25 of 1946), or by any other agency empowered to make investigation into an offence under any Central Act other than this Code, 2 [the Central Government may, subject to the provisions of sub-section (3), also direct the Public Prosecutor to present an appeal—


(a) to the Court of Session, from an order of acquittal passed by a Magistrate in respect of a cognizable and non-bailable offence;


(b) to the High Court from an original or appellate order of an acquittal passed by any Court other than a High Court [not being an order under clause (a)] or an order of acquittal passed by the Court of Session in revision.] सीआरपीसी की धारा 378


(3)3[No appeal to the High Court] under sub-section (1) or sub-section (2) shall be entertained except with the leave of the High Court.


(4) If such an order of acquittal is passed in any case instituted upon complaint and the High Court, on an application made to it by the complainant in this behalf, grants special leave to appeal from the order of acquittal, the complainant may present such an appeal to the High Court. सीआरपीसी की धारा 378


(5) No application under sub-section (4) for the grant of special leave to appeal from an order of acquittal shall be entertained by the High Court after the expiry of six months, where the complainant is a public servant, and sixty days in every other case, computed from the date of that order of acquittal.


(6) If, in any case, the application under sub-section (4) for the grant of special leave to appeal from an order of acquittal is refused, no appeal from that order of acquittal shall lie under sub-section (1) or under sub-section (2).

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