सीआरपीसी की धारा 399 — सेशन न्यायाधीश की पुनरीक्षण की शक्तियाँ —
(1) ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में जिसका अभिलेख सेशन न्यायाधीश ने स्वयं मंगवाया है, वह उन सभी या किन्हीं शक्तियों का प्रयोग कर सकता है जिनका प्रयोग धारा 401 की उपधारा (1) के अधीन उच्च न्यायालय कर सकता है।
(2) जहाँ सेशन न्यायाधीश के समक्ष पुनरीक्षण के रूप में कोई कार्यवाही उपधारा (1) के अधीन प्रारंभ की गई है वहाँ धारा 401 की उपधारा (2), (3), (4) और (5) के उपबंध, जहाँ तक हो सके, ऐसी कार्यवाही को लागू होंगे और उक्त उपधाराओं में उच्च न्यायालय के प्रति निर्देशों का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वे सेशन न्यायाधीश के प्रति निर्देश हैं।
(3) जहाँ किसी व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से पुनरीक्षण के लिए आवेदन सेशन न्यायाधीश के समक्ष किया जाता है वहाँ ऐसे व्यक्ति के संबंध में उस बाबत सेशन न्यायाधीश का विनिश्चय अंतिम होगा और ऐसे व्यक्ति की प्रेरणा पर पुनरीक्षण के रूप में और कार्यवाही उच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा ग्रहण नहीं की जाएगी।
Section 399 CrPC — Sessions Judge’s powers of revision —
(1) In the case of any proceeding the record of which has been called for by himself, the Sessions Judge may exercise all or any of the powers which may be exercised by the High Court under sub-section (1) of section 401.
(2) Where any proceeding by way of revision is commenced before a Sessions Judge under sub-section (1), the provisions of sub-sections (2), (3), (4) and (5) of section 401 shall, so far as may be, apply to such proceeding and references in the said sub-sections to the High Court shall be construed as references to the Sessions Judge.
(3) Where any application for revision is made by or on behalf of any person before the Sessions Judge, the decision of the Sessions Judge thereon in relation to such person shall be final and no further proceeding by way of revision at the instance of such person shall be entertained by the High Court or any other Court.